गज़ल- चाहत
मैं गजल हूँ चाहत की
तुम जरुरत की कहानी
नादान मेरी बेचारी वफा
तेरी बेवफाई बड़ी सयानी
तेरी नस नस में चालाकी
मेरी रग रग में नादानी
तू जलता हुआ अंगारा
मैं बारिशों का बेरंग पानी
मैं खामोशियों का गीत
तू शोर की बदजुबानी
तू हालातों की है धारा
मैं बहती दरिया तूफानी
तू बंदिशों का बंद किनारा
मैं मस्त लहरो की रवानी
तू अंबर का अवारा बांकपन
मैं हूँ धरती की चूनर धानी
तू फूलों में मंडराता भंवरा
मैं मदमस्त कलियों की रानी
तेरी मेरी कभी बात बने ना
तू जान के भी अनजान रहा
और जान के कुछ ना जानी
आरती त्रिपाठी
सीधी मध्य प्रदेश
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