कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान से मिलती है उत्तम फल की प्राप्ति
हरिद्वार ,12 नवंबर महामंडलेश्वर जगदीशदास ने कहा कि कृतिका नक्षत्र पर चन्द्रमा और विशाखा पर सूर्य हो तो पद्मक योग बनता है जिसमें गंगा स्नान करने से पुष्कर से भी अधिक उत्तम फल की प्राप्ति होती है। यह बात उन्होंने मंगलवार को कार्तिक पूर्णिमा के पर्व पर उत्तरी हरिद्वार में बाबा हरिहर धाम के वार्षिकोत्सव में कही। उन्होंने कहा कि बाबा हरिहर का एक ही उद्देश्य था कि भूखे को अन्न, प्यासे को पानी। उन्होंने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है और वैष्णव मत में भी इस कार्तिक पूर्णिमा को बहुत अधिक मान्यता मिली है। क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु ने प्रलय काल में वेदों की रक्षा के लिए तथा सृष्टि को बचाने के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था। इस पूर्णिमा को महाकार्तिकी भी कहा गया है। यदि इस पूर्णिमा के दिन भरणी नक्षत्र हो तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। अगर रोहिणी नक्षत्र हो तो इस पूर्णिमा का महत्व कई गुणा बढ़ जाता है। इस दिन कृतिका नक्षत्र पर चन्द्रमा और बृहस्पति हों तो यह महापूर्णिमा कहलाती है। बाबा हरिहर धाम के अध्यक्ष सुयोग्य मुनि ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर स्नान करने से जीवन के सभी संतापों शमन हो जाता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। महामंडलेश्वर हरिचेतनानन्द ने कहा कि गंगा के पावन तट पर गुरु पूजा, गंगा दर्शन, गऊ सेवा करने से जीवन में सुख-समृद्धि की मनोकामना पूर्ण होती है। महंत कमलदास ने आश्रम द्वारा संचालित सेवा प्रकल्पों के विषय में जानकारी दी। इस अवसर पर कोठारी महंत प्रेमदास, गोस्वामी सच्चिदानन्द, शांतिदास, लक्ष्मणदास, भक्त दुर्गादास, द्वारिकादास, श्यामसुन्दर दास, दामोदारदास, वेदानन्द, पनपदास, व्यासमुनि, सुमित दास, केशवानन्द, पार्षद अनिल मिश्रा, विदित शर्मा आदि शामिल थे।
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