3 दोस्त बचपन के 28 साल बाद संभालेंगे देश की सुरक्षा की कमान

 


 


   
नई दिल्ली/ कल देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ के नाम की घोषणा हुई। जनरल बिपिन रावत को पहला सीडीएस बनाया गया। वहीं आज सेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत का 3 साल का कार्यकाल आज समाप्‍त हो रहा है और वो अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे को थल सेना की कमान मिली है। ऐसे में देश की तीनों जल,थल और वायु सेना की कमान थामने वाले सेनाध्यक्षों पर नजर डालें तो एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया वायु सेना की कमान संभाल रहे हैं और करमबीर सिंह नौसेना अध्यक्ष हैं। अब हम आपकों तीनों सेनाध्यक्षों से जुड़ी ऐसी बात बताते हैं जो इन दिनों सोशल मीडिया और इंटरनेट पर भी तेजी से वायरल होने लगी है। भारत के तीनों सेनाओं के प्रमुख जब करमबीर सिंह,नौसेना, राकेश कुमार सिंह,वायुसेना और मनोज मुकुंद नरवाणे ;थलसेना ने जब 17-17 साल की उम्र में नेशनल डिफेंस एकेडमी,एन.डी.ए. ज्वाइन किया था। तीनों बैचमेट ने सेना को करीब 44 साल दिए हैं। शायद ही ऐसा कभी होता है कि एकेडमी में एक साथ सेना की शिक्षा.दीक्षा ग्रहण करने वाले साथी एक साथ तीन सेनाओं का नेतृत्व करते हो। हालांकि 30 साल पूर्व ऐसा ही नजारा देखने को मिला था जब तीनों सेना के प्रमुख बैचमेट थे। इससे पहले 1991 में तत्कालीन आर्मी चीफ सुनीत फ्रांसिस रोडरिग्ज, एडमिरल लक्ष्मी नारायण रामदास और एयर चीफ मार्शल निर्मल चंद्र सूरी ने भी एनडीए का कोर्स एक साथ किया था। तीनों सेना प्रमुखों के बीच कॉमन ये भी है कि उनके पिता और इंडियन एयर फोर्स। इन तीनों सेना प्रमुखों के पिताओं ने अलग.अलग पद पर रहकर इंडियन एयरफोर्स में सेवाएं दी हैं। नरवाने के पिता और एडमिरल सिंह के पिता तो काफी अच्छे दोस्त भी रहे। वहीं एयर चीफ मार्शल भदौरिया के पिता आई.ए.एफ. के एक रिटायर्ट ऑनररी फ्लाइंग ऑफिसर हैं। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी के छात्र रहे हैं। वे जून 1980 में सिख लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट के सातवें बटालियन में कमीशन हुए थे। उन्हें सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल और अति विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजा जा चुका है। लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे फिलहाल सेना उप प्रमुख हैं। वे सितंबर में सेना उप प्रमुख बनने से पहले सेना के पूर्वी कमान के प्रमुख थे, जो चीन के साथ लगती करीब 4.000 किलोमीटर लंबी सीमा की देखभाल करती है। अपने 37 वर्षो के सेवा काल में लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे जम्मू.कश्मीर और पूर्वोत्तर में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे।


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