खनन कारोबारियों पर चलेगा चाबुक, कैबिनेट से पास खनन नीति में नहीं होगा  बदलाव

 


 




देहरादून/ उत्तराखंड में स्टोन क्रेशर व स्क्रीनिंग प्लांट के लिए नदी से दूरी तीन किमी के प्रावधान को लेकर कई खनन कारोबारी सहमे हैं। पिछले दिनों प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में उपखनिज नीति में इन संशोधनों को मंजूरी दी गई थी। इसकी अधिसूचना जारी होने से पहले खनन कारोबारी उपखनिज नीति के उन प्रावधानों में ढील देने की मांग कर रहे हैं जिनकी वजह से उनके हित प्रभावित होने का अंदेशा है। लेकिन अपर मुख्य सचिव का कहना है कि कैबिनेट में पास उपखनिज नीति में अब कोई बदलाव नहीं होगा। नीति विधायी में भेजी गई है वहां से आने के बाद इसे जारी कर दिया जाएगा।  प्रदेश मंत्रिमंडल में जो प्रस्ताव पास हुआ है उसके अनुसार उपखनिज नीति में कई संशोधन किए गए हैं। इन संशोधन में एक प्रावधान मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में स्टोन क्रेशर व स्क्रीनिंग प्लांट के लिए नदी से दूरी का भी है। इसी प्रावधान ने उन खनन कारोबारियों की नींद उड़ा दी है, जिनके प्लांट नदी से कम दूरी पर हैं। कैबिनेट में पास प्रस्ताव के तहत मैदानी क्षेत्रों में स्टोन क्रेशर या स्क्रीनिंग प्लांट की नदी से दूरी तीन किमी की गई है। अभी ये मानक 500 मीटर की दूरी का है। धार्मिक स्थलए स्कूल व आबादी से प्लांट की दूरी का मानक 100 मीटर के स्थान पर 300 मीटर किया गया है। पर्वतीय क्षेत्र में स्टोन क्रेशर व स्क्रीनिंग प्लांट से नदी से दूरी का मानक न्यूनतम 250 मीटर होगा जबकि धार्मिक स्थल, स्कूल, व आबादी से ये फासला 150 मीटर तक किया गया है। इसके अलावा एक प्रावधान यह भी किया गया है कि स्टोन क्रेशर व स्क्रीनिंग प्लांट लगाने की अनुमति अब उन्हीं को दी जाएगी जिनके खनन पट्टे होंगे। इसके पीछे सरकार की मंशा अवैध खनन रोकने की है। खनन के अवैध कारोबार से प्रदेश सरकार को राजस्व की भारी हानि हो रही है। इसे रोकने के लिए सरकार को नीति में नए और कड़े प्रावधान करने पड़े हैं। कैबिनेट में नीति के पास होने के बाद खनन कारोबारियों की एक यूनियन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और संशोधनों में ढील देने का अनुरोध किया। लेकिन सरकार किसी भी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है। उपखनिज नीति का जो प्रस्ताव कैबिनेट में पास हुआ है उसमें कोई बदलाव नहीं होगा। इस नीति के लागू होने से अवैध खनन पर अंकुश लगेगा और सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी।


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