रंग महोत्सव में आंध्रा के साथ गढ़वाली लोकनृत्य ने किया मंत्रमुग्ध
देहरादून। यूनिवर्सल रंग महोत्सव के दूसरे दिन प्रतिभागियों ने आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और गढ़वाली लोकनृत्य की सुंदर प्रस्तुति से वाहवाही लूटी। इस दौरान भरत नाट्यम और कुचिपुडी नृत्य प्रस्तुति मुख्य आकर्षण रहे। रविवार को नगर निगम सभागार में कार्यक्रम का शुभारंभ पश्चिम बंगाल से पहुंचे प्रसिद्ध कथक नर्तक डा. कुशल भट्टाचार्य, आंध्रप्रदेश की नृत्यांगना डा. उमा जयश्री ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर की। इसके बाद नृत्यकला निलयम अनंतपुर आंध्रप्रदेश की निर्देशिका राधाकृष्णमूर्ति के सानिध्य में छात्रों ने कुचिपुडी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। इस दौरान एकल द्वंद, त्रिताल और सात भाषाओं में समूहगान की प्रस्तुति पर तालियां बटोरी। ध्रुपद डांस एकेडमी के निर्देशक आशीष पिल्ले के निर्देशन में छात्रों ने भरत नाट्यम, शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुत किया। वहीं स्वर वंदना ग्रुप देहरादून के प्रतिभागियों विदिशा अग्रवाल के निर्देशन में गढ़वाली नृत्य प्रस्तुत कर पहाड़ी संस्कृति के रंग बिखेरे। साथ ही कर्नाटक नृत्यांजलि कलाकेंद्र के निर्देशक शैलजा कुमार की ओर कर्नाटक शैली में भरत नाटक और शास्त्रीय नृत्य की सराहनीय प्रस्तति दी गई।
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