उत्तराखण्ड में ताक पर आरटीई एक्ट, प्राइवेट स्कूल कर रहे मनमानी



देहरादून/ प्रदेश में प्राइवेट स्कूल आरटीई एक्ट को ताक पर रखे हुए हैं। जो एडमिशन के लिए बच्चों की न सिर्फ लिखित परीक्षा ले रहे हैं, बल्कि इंटरव्यू के आधार पर भी बच्चों को फेल और पास कर रहे हैं।
जबकि शिक्षा के अधिकार अधिनियम में स्पष्ट प्रावधान है कि कोई भी सरकारी और प्राइवेट स्कूल बच्चों और उनके अभिभावकों की किसी तरह की परीक्षा और इंटरव्यू नहीं ले सकता। ऐसा करने पर जुर्माने के साथ ही स्कूल के खिलाफ मान्यता संबंधी कार्रवाई की जा सकती है।नया शिक्षा सत्र एक अप्रैल 2020 से शुरू होना है, लेकिन सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया अभी से शुरू हो गई है। राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा अभियान के मुताबिक आरटीई के तहत छह जनपदों देहरादून, हरिद्वार, चमोली, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और अल्मोड़ा में ऑनलाइन एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है।
25 जनवरी से 25 फरवरी तक बच्चों के एडमिशन होंगे जबकि अन्य जनपदों में ऑफलाइन एडमिशन होंगे। कार्यालय की ओर से एडमिशन के पहले चरण में समस्त प्राइवेट स्कूलों को विभाग एवं सहयोग कर रहे एनजीओ के पोर्टल में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। 20 दिसंबर से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके बाद 25 जनवरी से 25 फरवरी तक बच्चों के एडमिशन होंगे।वहीं प्राइवेट स्कूलों में भी इन दिनों बच्चों के एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। प्रक्रिया के तहत इन दिनों कुछ स्कूलों में बच्चों की लिखित परीक्षा के साथ ही उनके इंटरव्यू लिए जा रहे हैं। जबकि आरटीई के तहत बच्चों की लिखित परीक्षा और इंटरव्यू पर रोक है। बच्चों के एडमिशन के लिए कोई भी प्राइवेट स्कूल लिखित परीक्षा और इंटरव्यू नहीं ले सकता। यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो अभिभावक संबंधित जनपद के मुख्य शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में लिखित या मौखिक शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जांच में प्रकरण सही पाए जाने पर संबंधित स्कूल से जुर्माना वसूलने के साथ ही स्कूल की मान्यता खत्म करने संबंधी कार्रवाई की जा सकती है।


 


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