आधार और पेन कार्ड नागरिकता के प्रमाण नहीं हैं -दिलीप घोष

 



 हावड़ा/ पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शुक्रवार को कहा कि आधार और पैन कार्ड नागरिकता के प्रमाण नहीं हैं। उन्होंने शरणार्थियों से आग्रह किया कि वे संशोधित नागरिकता कानून,सी.ए.ए. के तहत अपनी नागरिकता प्राप्त करें। घोष यहां सी.ए.ए. के समर्थन में आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने लोगों से कहा कि वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेताओं के  जाल  में नहीं आएं जो कह रहे हैं कि दशकों से पश्चिम बंगाल में रह रहे उन शरणार्थियों को नागरिकता के लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है जिनके पास आधार और पैन कार्ड है। घोष ने कहा, ‘यह गुमराह करने वाली बात है क्योंकि शरणार्थियों को नए सिरे से नागरिकता कानून के जरिए नागरिकता लेनी होती है। यदि आप अपना विवरण जमा नहीं करते हैं तो आप परेशानी में पड़ जाएंगे। अपने भाषण में उन्होंने देश भर में सी.ए.ए. के खिलाफ हो रही रैलियों पर भी निशाना साधा और कहा  जब हिंदुओं को पड़ोसी देशों से भारत भागना पड़ा तो बुद्धिजीवी कभी सड़कों पर नहीं उतरे।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सी.ए.ए. शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए लाया गया है न कि नागरिकों से इसे छीनने के लिए। उन्होंने कहा, ‘विपक्ष जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री नागरिकता के लिए आवेदन करने की खातिर तीन से चार महीने का समय देंगे। आप सभी को नागरिकता के लिए आवेदन करना चाहिए। आपको कुछ भी साबित करने के लिए दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं है, बस अपने माता.पिता के नाम के साथ फॉर्म भरें और आपको नागरिकता मिल जाएगी। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल ने घोष के बयान की आलोचना की और संसदीय कार्य राज्य मंत्री तापस रॉय ने कहा, यह तय करने के लिए दिलीप घोष कौन हैं कि कौन नागरिक है और कौन नहीं इस राज्य के लोग दिलीप घोष और उनकी पार्टी को उनके अहंकार का जवाब देंगे।


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