हमले में गिरफ्तार आरोपितों को गुस्साए अधिवक्ताओं ने जमकर धुना
देहरादून/ साल के आखिरी दिन की नाइट के जश्न के दौरान मसूरी में एक अधिवक्ता और साथियों पर हमला करने वाले चार आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था । मसूरी पुलिस चारों को अदालत में पेश करने देहरादून कचहरी लाई मगर यहां गुस्साए अधिवक्ताओं ने कचहरी परिसर में आरोपितों की धुनाई कर दी। पुलिस ने बीच.बचाव कर आरोपितों को छुड़ाया और अदालत में पेश किया। चारों को चौदह दिन की न्यायिक अभिरक्षा में सुद्धोवाला जिला कारागार भेज दिया गया। मसूरी पुलिस के मुताबिक 31 दिसंबर की देर रात देहरादून के सहारनपुर चौक निवासी अधिवक्ता अभिषेक पराशर और उनके भाई राघव पराशर अपने मित्रों के साथ मसूरी से पार्टी कर लौट रहे थे। लौटते हुए अपने एक मित्र निखिल गोयल को छोड़ने वह अपनी कार से ओकग्रोव स्कूल झड़ीपानी के समीप आए तो दूसरी कार में सवार कुछ युवकों ने उनकी कार के आगे अपनी गाड़ी लगा दी। विरोध करने पर युवकों ने अभिषेक, उनके भाई और दोस्तों पर लाठी.डंडों से हमला कर दिया और नगदी लूट ली। अभिषेक और राघव के गंभीर चोटें आईं। हमलावरों ने कार का शीशा भी तोड़ दिया और जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। राघव की तरफ से मसूरी कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया था। रविवार देर रात पुलिस ने घटना में शामिल चार आरोपितों नवाज खान निवासी किंक्रेग मसूरी, रोहित रावत निवासी रिस्पना नदी करनपुर, रोहित सिंह निवासी झड़ीपानी व यशवंत सिंह नेगी निवासी कर्णप्रयाग को गिरफ्तार कर लिया। सोमवार शाम पुलिस आरोपितों को दून लेकर पहुंची। यहां कचहरी परिसर में जैसे ही पुलिस उन्हें लेकर पहुंची तभी गुस्साए कुछ अधिवक्ताओं की भीड़ ने आरोपितों को घेरने की कोशिश की लेकिन पुलिस किसी तरह आरोपितों को अदालत में ले गई। इस दौरान चारों को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के अदालत के आदेश के बाद पुलिस उन्हें बाहर लेकर आई तो भीड़ ने आरोपितों की धुनाई कर डाली। शहर कोतवाल वहां फोर्स समेत मौजूद थे। किसी तरह आरोपितों को छुड़ाकर पुलिस जेल ले गए। चारों आरोपित एक निजी कॉलेज के छात्र बताए जा रहे। मसूरी कोतवाली के एसआई नीरज कठैत ने कचहरी परिसर में आरोपितों से हाथापाई के मामले में अज्ञात अधिवक्ताओं के विरुद्ध शहर कोतवाली में तहरीर दी है। आरोप है कि शाम करीब पौने चार बजे जब अदालत के आदेश पर वे आरोपितों को जेल ले जा रहे थे तभी 30-40 अज्ञात अधिवक्ताओं ने गाली गलौच करते हुए आरोपितों पर हमला कर दिया। आरोप है कि समझाने पर भी वे नहीं मानें और सरकारी ड्यूटी में बाधा पैदा की।
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