32 साल बाद पुलिस की गिरफ्त में आया हत्या का सजायाफ्ता कैदी 

 



हरिद्वार/लक्सर क्षेत्र में हत्या के मामले में कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद से फरार चल रहे कैदी को पुलिस ने 32 साल बाद गिरफ्तार किया। सजायाफ्ता कैदी धनौरी क्षेत्र में वेश और धर्म बदलकर रह रहा था। पुलिस ने सोमवार को उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।लक्सर के सीओ अविनाश वर्मा ने बताया कि वर्ष 1981 में लक्सर कोतवाली के रायसी चौकी क्षेत्र के प्रतापपुर गांव में एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। मामले की सुनवाई तत्कालीन सत्र न्यायालय सहारनपुर में हुई। सुनवाई के दौरान एक आरोपित की मौत हो गई थी जबकि दो आरोपितों श्रवण व वेदपाल निवासी ग्राम प्रतापपुर को न्यायालय से 1988 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इस बीच दोनों आरोपित फरार हो गए थे। काफी तलाश के बावजूद उनका पता नहीं लगने पर दोनों को फरार घोषित कर दिया गया था पुलिस उनकी खोजबीन में लगी रही। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह पहले पुलिस को वेदपाल के धनौरी क्षेत्र में होने की जानकारी मिली थी। इस पर एसएसआइ अभिनव शर्मा व रायसी चौकी प्रभारी बृजपाल सिंह के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया गया। टीम ने वेदपाल को गिरफ्तार कर लिया। मेडिकल कराने के बाद उसे सहारनपुर सत्र न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। दूसरा कैदी अभी फरार है। फरार होने के बाद पुलिस से बचने के लिए वेदपाल ने न केवल अपना वेश बदला बल्कि पुलिस को चकमा देने के लिए अपना धर्म भी बदल लिया। वह मुस्लिम वेश धारण कर धनौरी के रिठौरा क्षेत्र में मटर की खेती करने लगा। पुलिस टीम छह दिनों तक क्षेत्र में खाक छानती रही। बाद में पुख्ता जानकारी मिलने के बाद मटर की खरीदार बनकर पुलिस उस तक पहुंची। उसकी पुख्ता पहचान करने के बाद उसे पकड़ लिया।


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