देश की प्रगति में नारी के बढ़ते कदम
सलीम रज़ा
बरिष्ठ पत्रकार,
सह-सम्पादक,
(इन्डियन आइडल)
हमारे देश में नारी को सम्मान और आदर की दृष्टि से देखा जाता है। लेकिन अभी भी समाज के अन्दर महिलाओं को वो स्थान प्राप्त नहीं है, जिसकी वो हकदार हैं। अभी भी समाज के अन्दर लड़कियों और महिलाओं के प्रति लोगों की धारणाओं में खास बदलाव नहीं आया है। ये तब और भी ज्यादा जटिल हो जाता है जहां धर्म की बात करी जाती हो,यहां ये बता देना जरूरी समझता हूं कि इस्लाम धर्म में लड़कियों और महिलाओं को वो आजादी नहीं थी जितनी और धर्मों में है। लेकिन आज इस्लाम धर्म में भी लड़कियां शिक्षा के क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही है । कुछ ऐसे भी माता-पिता हैं हैं जो इन सारी दकियानूसी और अन्धविश्वासों की बेड़ियां तोडकर बेटे और बेटियों में कोई भी फर्क नहीं समझते हैं, उन्हीं की बेटियां समाज और देश का नाम रोशन करती हैं। ऐसी ही शख्सियत हैं वर्तमान में मसूरी वन प्रभाग में कार्यरत प्रभागीय वनाधिकारी के पद पर कार्यरत कहकशा नसीम। कहकशा नसीम का जन्म पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा-दीक्षा अपने गृह जनपद गोरखपुर में ही करी थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश का जिला गोरखपुर शिक्षा के क्षेत्र में अपना एक अलग स्थान रखता है, जहां रधुपति सहाय फिराक गोरखपुरी जैसी शख्सियत ने जन्म लिया हो, फिर उस जिले का क्या कहना। कहकशा नसीम ने अपनी लगन को अपना लक्ष्य बनाकर शिक्षा को जारी रखते हुये आई.एफ.एस करने का मन बनाया जिसमें उन्हें कामयाबी मिली और आज एक कामयाब अधिकारी के रूप में वन विभाग को अपनी सेवायें प्रदान कर रही है। सौम्य और मृदुभाषी कहकशा नसीम को चुनौतियों का सामना करने में भी महारत हासिल है। ये ही वजह है कि उनका सहयोगी स्टाफ भी उनकी कार्यशैली के आगे नतमस्तक हैं। समय की पाबन्द और अपने कार्यों के लिए समर्पित ं इस अधिकारी में सेवा भाव जैसे कूट-कूट कर भरा है। कहकशा नसीम जिस परिवेश से आई हैं उस परिवेश में रहने वाले लोगों के लिए एक संदेश और मिसाल है कि, अगर आप प्रोत्साहित करें तो बेटियां मंजिल को क्यों नहीं छू सकतीं।
टिप्पणियाँ