कमलनाथ के मंत्री बोले- कलेक्टर के पास गोली मारने का अधिकार, थप्पड़ नहीं
राजगढ/मध्य प्रदेश के राजगढ़ में डीएम निधि निवेदिता के थप्पड़कांड पर राजनीति चरम पर है। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में भाजपा की ओर से रैली निकाली गई थी। रैली कर रहे भाजपा नेता को डीएम निधि निवेदिता थप्पड़ मारकर चर्चा में हैं। राजनीतिक बयानबाजी तेज होने और दबाव के बीच गृहमंत्री बाला बच्चन ने कार्रवाई की बात कही है। इसी बीच राज्य के सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह के बयान ने हलचल मचा दिया है। गोविंद सिंह ने कहा कि कलेक्टर के पास लाठीचार्ज और गोली मारने का अधिकारी है, न कि थप्पड़ मारने का। डीएम को थप्पड़ नहीं मारना था। हालांकि बाद में उन्होंने इसे अपना व्यक्तिगत विचार बताया। कहा कि कलेक्टर जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी को संयम से काम लेना चाहिए। नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में रैली निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की कलेक्टर निधि निवेदिता से झड़प हो गई। कलेक्टर ने प्रदर्शनकारियों से ब्यावरा के कुछ इलाकों में धारा 144 लागू होने का हवाला दिया गया। जिससे आक्रोशित भाजपा कार्यकर्ता नारेबाजी करने लगे।इससे नाराज कलेक्टर निधि निवेदिता ने भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रवि बड़ोने को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद भी जब भीड़ ने नारेबाजी कम नहीं की तब उन्होंने एक पुलिसकर्मी का डंडा लेकर भीड़ को धक्का मारने लगीं। कलेक्टर ने रैली की अगुवाई करते हुए तिरंगा लेकर चल रहे राजगढ़ के पूर्व विधायक अमरसिंह यादव के साथ भी धक्कामुक्की की।कलेक्टर को एक्शन में देखकर डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने भी भीड़ से लोगों को पकड़कर पुलिस को सौंपने लगीं। तभी उनके साथ भीड़ ने अभद्रता कर दी। जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस कार्रवाई में कई भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए।वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कलेक्टर निधि निवेदिता के कार्य की सराहना करते हुए ट्वीट किया था कि मध्यप्रदेश के राजगढ़ में भाजपा की गुण्डा गर्दी सामने आ गयी। महिला जिला कलेक्टर और महिला एसडीएम अधिकारीयों को पीटा गया बाल खींचे गये। महिला अधिकारीयों की बहादुरी पर हमें गर्व है।पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कई ट्वीट कर कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट किया, प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता के नए आयाम गढ़े जा रहे हैं! सरकार के तुगलकी फरमानों पर अमल में कौन रेस में पहले आता है, इसकी होड़ लगी है! कुछ अधिकारी भूल गए हैं कि वे किसी पार्टी के हुक्म बजाने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा हेतु पद पर हैं। शासन-प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी गलती से भी यह न भूलें कि सरकारें पर्मानेंट नहीं होती हैं, वो बदलती हैं! बुराई का अंत और अच्छाई की विजय निश्चित है, इसलिए नागरिकों की सेवा की जिम्मेदारी, जो आपको मिली है, उसे निभाने में अपनी ऊर्जा, जज्बा, जुनून और मेहनत लगाएं।
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