पौड़ी गांव की महिलाएं संस्कृति के संरक्षण को कर रही है काम
पौड़ी/पौड़ी गांव की महिलाओं ने लोक परंपरा के संरक्षण को लेकर बीड़ा उठाया हुआ है। महिलाएं पिछले लंबे समय से संस्कृति के संरक्षण को लेकर काम कर रही है। महिलाओं ने थड्या.चौफला,चांचरी की प्रस्तुतियों की शुरुआत करते हुए हर दिन यह जारी रखने पर जोर दिया है। यह प्रस्तुतियां आगामी विखोत पर्व तक हर दिन होंगी। गुरुवार को यह प्रस्तुति लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के घर पर होगी। बुधवार को झालीमाली माता मंदिर में लोक परंपरा कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कार्यक्रम में जागृति समिति पौड़ी की महिलाएं प्रस्तुतियां दे रही हैं। समिति ने कार्यक्रम की शुरुआत नै डाली पंय्या जामी की प्रस्तुति से की। इसके बाद उन्होंने बाजालो शंखा हे देवी ज्वाल्पा,नंदू तेरु दादू कख जयू चाधार, मा कुर्र-बुर्या, मेरी देवी मैं सौंजड्या से मिलाई दे की मोहक प्रस्तुतियां दी। जागृति समिति की अध्यक्ष कमला नेगी ने बताया कि पौड़ी गांव की महिलाएं लोक परंपरा के संरक्षण अभियान में वर्ष 2004 से अहम योगदान दे रही हैं। विखोत पर्व तक प्रतिदिन थड्या.चौंफला,चांचरी,भजन.कीर्तन की प्रस्तुतियां दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि पहले दिन मंदिर में प्रस्तुतियों के बाद विखोत पर्व तक लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के घर पर प्रस्तुतियां दी जाएंगी। प्रस्तुतियां देने वालों में भगवंती देवी,कुंती देवी,अनीता रावत,सावत्रिी देवी,देवेश्वरी देवी,उर्मिला रौथाण,पप्पू देवी,पवत्रिा देवी,कांति देवी,सुलोचना रावत, कांति देवी,गयाली देवी,कौशल्या,गीता रावत आदि मौजूद थे।
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