असम से लिखी जानी थी आतंक की नई कहानी, देश के बड़े शहर थे निशाने पर
कानपुर/असम से आतंक की नई कहानी लिखी जानी थी। वहां से देश के बड़े शहरों को टारगेट कर वहां पर आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जाना था। मुंबई जेल में कुख्यात आतंकी डॉ जलीस अंसारी ने सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में यह जानकारी दी। उसने एजेंसी के अधिकारियों को कुछ और महत्वपूर्ण सूचनाएं दी हैं।आतंकी डॉ जलीस को एसटीएफ ने 17 जनवरी 2020 में रेलबाजार से गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद मुंबई एटीएस को सूचना दी गई। 18 को एनआईए और मुंबई एटीएस की एक टीम कानपुर पहुंची। वह लोग आतंकी डाक्टर को लेकर मुंबई रवाना हो गए। वहां उसे जेल में रखा गया है। बाद में लखनऊ से एनआईए टीम मुंबई पहुंची। मुंबई एनआईए टीम के साथ लखनऊ टीम ने कोर्ट से आदेश प्राप्त करने के बाद आतंकी से जेल में पूछताछ की।आतंकी ने पूछताछ में एजेंसी के अधिकारियों को बताया कि वह अपना नाम और पहचान बदलने के बाद कुछ समय तक टीचर बनकर पाकिस्तान में रहने वाला था। उसके बाद वहां से वह वापस असम आ जाता। यहां पर उसके सम्पर्क सूत्रों ने पूरी तैयारी करने का आश्वासन दे रखा था। असोम में एक गुप्त ठिकाने पर वह अपना अड्डा बनाता और सम्पर्क सूत्रों के माध्यम से देश के बड़े शहरों में आतंकी घटनाओं के योजना बनाई जाती।एजेंसी के अधिकारियों ने उससे पूछा कि असम को ही उसने ठिकाने के लिए क्यों चुना। इस पर आतंकी का जवाब था कि वहां पर प्रतिबंधित संगठनों के लिए काम करना आसान है। वर्तमान समय में वहां पर सुरक्षा व्यवस्था बहुत ज्यादा सख्त नहीं है और आसानी से योजनाओं को बनाकर उन्हें अंजाम देने का मौका मिल जाता है। इसके अलावा उसके ज्यादातर सम्पर्क सूत्र असोम से पूरे देश में आते-जाते रहते हैं।
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