बजट सत्र- महंगाई पर कांग्रेस का हंगामा



गैरसैंण/बजट सत्र के चैथे दिन सदन में महंगाई का मुदृदा गूंजा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद से महंगाई चरम पर है। सरकार की ओर से महंगाई के आरोपों को खारिज किए जाने से नाराज कांग्रेस ने सदन से बायकाॅट कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने दावा किया कि सरकार ने दावा किया कि प्रदेश में महंगाई पूरी तरह से नियंत्रण में है। राज्य में प्रतिव्यक्ति आय के मुकाबले देश के दूसरे शहरों के मुकाबले महंगाई का स्तर कम हैै। शुक्रवार को कांग्रेस ने महंगाई के सवाल पर काम रोको प्रस्ताव लाई थी। जिसे विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने पहले नियम 58 के तहत चर्चा के लिए स्वीकार किया। शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डा इंदिरा हृदयेश, विधायक दल के उपनेता करन माहरा, गोविंद सिंह कुंजवाल, प्रीतम सिंह, ममता राकेश, फुरकान अहमद, हरीश धामी आदि ने कहा कि महंगाई दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है। आम आदमी को जीना मुश्किल हो चुका है। वर्ष 2014 में कांग्रेस सरकार के वक्त रसोई गैस, आटा-दाल-चावल, आलू, प्याज सब कुछ महंगा हो चुका है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार महंगाई पर नियंत्रण करने के प्रयास करती भी नहीं दिखाई देती। सरकारी राशन की दुकानों पर रोजमर्रा की जरुरत की चीजों को रियायती दामों पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए। सरकार की ओर से संसदीय कार्यमंत्री ने विपक्ष पर तंज कसते हुए जवाब की शुरुआत की। कहा कि सदन में आर्थिक सर्वे पेश हो चुका है। जितनी ताकत कांग्रेस यहां बहस करने में लगा रही है, उसकी आधी भी आर्थिक सर्वे पढ़ने में लगाती तो यह विषय ही न उठाती। महंगाई पर सरकार का पूरा नियंत्रण है। कांग्रेस शासित राज्यों के मुकाबले उत्तराखंड की प्रति व्यक्ति आय भी काफी ज्यादा है जबकि उस अनुपात में महंगाई कम है। राज्य के लाखों लोगों को सरकार रियायती मूल्य पर अनाज मुहैया करा रही है। कौशिक के जवाब पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री विषय को भटका रहे हैं। यह कहते हुए कांग्रेस विधायक सदन से वॉक आउट कर गए।


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