डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला की ‘जजपा’ के भीतर सुलग रही विरोध की चिंगारी
चंडीगढ/हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र सत्ता पक्ष को कई सबक सिखा गया। जजपा में सुलग रही विरोध की चिंगारी के कई उदाहरण भी देखने को मिले। भाजपा को जहां विपक्ष से लोहा लेने के लिए अनुभवी व मुखर नेताओं की कमी खली, वहीं गठबंधन सहयोगी जजपा विधायकों के हमले भी सहने पड़े। जजपा विधायकों ने सरकार के अनेक फैसलों का खुलकर विरोध किया। मंत्रियों के साथ सीधी टक्कर लेने से ये विधायक हिचकिचाए नहीं। सरकार में हो रही अपनी अनदेखी से क्षुब्ध कई विधायकों ने अपनी पीड़ा जाहिर करने से कोई संकोच नहीं किया। जजपा के आधा दर्जन विधायक सरकार की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट दिखे। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु को हराने वाले नारनौंद से विधायक रामकुमार गौतम ने सरकार को अनेक मुद्दों पर घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा। भ्रष्टाचार को लेकर कई तंज कसे। अपनी पार्टी के वादों को लेकर सदन में एक के बाद एक निशाने साधे। जोगी राम सिहाग ने लाल डोरे के सीएम मनोहर लाल के फैसले को ही चुनौती दे डाली और उसे रद करने की मांग की। जिस पर बाद में डिप्टी स्पीकर को लाल डोरे पर स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी। अमरजीत ढांडा भी कई मुद्दों पर तेवर दिखाने में आगे रहे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला को मात देकर विधानसभा पहुंचे देवेंद्र बबली तो नशे के मुद्दे पर सीधा सरकार से टकरा गए। उन्होंने सदन में खुलकर मोर्चा खोला। उनके निशाने पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे। बजट सत्र में सुनवाई न होने से बबली की नाराजगी और बढ़ गई है। जजपा विधायक ईश्वर सिंह ने भी कई मौकों पर जनहित के मुद्दों की ठोस पैरवी करते हुए सरकार के लिए स्थिति असहज कर दी। भाजपा विधायक भी जजपा विधायकों के तेवरों को देखकर सकपका गए।
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