गांधी मैदान से सीएम नीतीश ने शुरू किया चुनावी अभियान, कहा- एनपीआर को 2010 के फॉर्मेट पर किया जाएगा

 




पटना / बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आज जन्मदिन है और इस अवसर पर उन्होंने पटना के गांधी मैदान में ‘जेडीयू कार्यकर्ता सम्मेलन’ को संबोधित किया। बिहार में इस वर्ष के अंत में राज्य विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनाव से पहले यह एक प्रकार से शक्ति प्रदर्शन भी है। गांधी मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए बिहार के सीएम ने कहा कि बिहार के लोगों ने हमें 2005 में मौका दिया था, तब से हम लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग हम पर सवाल उठा रहे हैं उनको हम बहुत जल्द जवाब देंगे। लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस को अल्पसंख्यकों के मामले पर घेरते हुए कहा कि आरजेडी और कांग्रेस ने सिर्फ अल्पसंख्यकों का वोट लिया लेकिन हमने उनके लिए कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हमने भागलपुर दंगे के दोषी लोगों को गिरफ्तार करके दंगा पीड़ितों के लिए न्याय सुनिश्चित किया। एनपीआर पर बोलते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि जहां तक एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी) का सवाल है, यह 2010 के फॉर्मेट के आधार पर किया जाएगा। इसको लेकर हमने राज्य विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित किया है। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने पर नीतीश ने कहा कि हम एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के साथ बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और 200 से अधिक सीटें जीतेंगे। सीएम नीतीश ने कहा कि 2018 में बिहार में अपराध की घटनाओं में कमी आई है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है और बिहार में जनसंख्या के अपराधों का अनुपात देश के मुकाबले सबसे कम है। बिहार सीएम ने कहा कि अपराध के मामले में देशभर में बिहार का स्थान 23वां है। इससे पता चलता है कि राज्य में अपराध लगातार घट रहा है। हम अपराध के आंकड़े साल दर साल सामने लाएंगे। नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के बेरोजगारी यात्रा पर चुटकी लेते हुए कहा कि पहले राज्य में रोजगार की क्या स्थिति थी। एक अदद नौकरी के लिए बिहार की जनता तरस जाती थी, लेकिन आज बिहार के कितने लोगों को नौकरियां मिल रही है, इस बात की जानकारी सब को है। तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कम उम्र में राजनीति में आए कुछ लोग केवल मीडिया में आई खबरों को लेकर बयानबाजी करते रहते हैं। इससे क्या फायदा मिलेगा? उन्होंने कहा कि बिहार में 2005 के पहले क्या हाल था और आज क्या हाल है, ये बिहार की जनता देख रही है। 


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