जमीन दिलाने के नाम पर 1.26 करोड़ की ठगी, मुकदमा दर्ज
देहरादून/जमीन दिलाने के नाम पर दो लोगों ने महिला प्रॉपर्टी डीलर को 1.26 करोड़ रुपये की चपत लगा दी। कैंट थाना पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। वहीं, दूसरी ओर सील किए हुए दो फ्लैटों को खाली दिखाकर बेचने के मामले में रायपुर थाना पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कैंट थाने के एसओ संजय मिश्रा के अनुसार उमा गुरु प्रॉपर्टी डीलिंग करती हैं। उनके पति कुछ समय पहले ही फौज से सेवानिवृत्त हुए हैं। उमा गुरु ने शिकायत दर्ज कराई है कि आंचल गुरु और सुधीर शर्मा ने जमीन दिलाने के नाम पर उनसे 54.5 लाख रुपये ले लिए। इसके अलावा अन्य परिचितों से 71.5 लाख रुपये ले लिए। उमा ने बताया कि काफी समय से आरोपित उन्हें रजिस्ट्री के लिए चक्कर कटवा रहे थे। जब ठगी का अहसास हुआ तो उन्होंने धनराशि वापस मांगी। आरोपितों ने रुपये वापस देने से इनकार कर दिया और न ही कोई जमीन दिलाई। उमा की शिकायत पर पुलिस ने आंचल निवासी मसंदावाला और सुधीर निवासी नया गांव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। सील किए हुए दो फ्लैटों को खाली दिखाकर बेचने के मामले में रायपुर थाना पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। एसओ अमरजीत सिंह के अनुसार आइजी गढ़वाल को दी शिकायत में जाहिद अली निवासी दिव्य विहार चूना भट्ठा ने बताया कि उसने अपने दोस्त के बेटे राजकिरण मौर्य निवासी टी एस्टेट रायपुर के साथ फ्लैट लेने की योजना बनाई थी। जाहिद अली ने गुरजीत सिंह निवासी विष्णु लोक कॉलोनी से फ्लैट खरीदा था, जिसका सौदा 35 लाख में हुआ था, जिसमें उन्होंने 20 लाख रुपये दे दिए थे। संपत्ति का विक्रय अनुबंध 31 मई 2019 को हुआ था, जबकि रजिस्ट्री के लिए छह माह का समय दिया गया। समयाविधि 31 नवंबर को पूरी हो गई, लेकिन पता चला कि गुरजीत सिंह ने अंकित जैन निवासी चमन विहार, सौरभ चैहान निवासी ननूरखेड़ा, रविंदर सिंह निवासी डीएल रोड से मिलीभगत करके फ्लैट बेचे, जो कि एमडीडीए की ओर से सील किए हुए हैं। कुछ माह में रुपये दोगुने करने का लालच देकर दो युवकों ने एक महिला समेत कई लोगों से एक कंपनी में निवेश कराया और फिर उनकी गाढ़ी कमाई लेकर फरार हो गए। महिला ने दोनों आरोपितों के खिलाफ नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। एसओ दिलबर सिंह नेगी के अनुसार मोथरोवाला निवासी अंजना गैरोला ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। महिला ने शिकायत में बताया कि उसकी मुलाकात हेमंत कुमार के माध्यम से अंसल टाउन प्लाजा मोदीपुरम, मेरठ (उप्र) के रहने वाले राहुल पंवार से हुई थी। राहुल और उसके साथी खुर्जा, बुलंदशहर (उप्र) निवासी अतुल कुमार ने अंजना को बताया कि वह अतुल ठाकुर सॉल्यूशन सर्विस नाम की कंपनी में निवेश कर कुछ माह में दोगुने रुपये कमा सकती है। राहुल ने खुद को कंपनी का वरिष्ठ लीडर बताया था। आरोपितों पर विश्वास करके अंजना ने कंपनी में 59 हजार रुपये का निवेश कर दिया। इसके एवज में उन्हें 15 महीने तक प्रति माह नौ हजार रुपये देने की बात कही गई। इसके बाद अंजना ने अपने कुछ परिचितों से भी कंपनी में निवेश करा दिया। इसी बीच कंपनी बंद हो गई। लेकिन, राहुल और अतुल ने अंजना को इसकी सूचना नहीं दी। उनका आरोप है कि राहुल और अतुल ने उनकी और उनके परिचितों की रकम किसी और कंपनी में लगा दी। इतना ही नहीं कंपनी बंद होने के बाद भी आरोपितों ने अंजना से कंपनी के नाम पर निवेश कराना जारी रखा। 31 नवंबर 2018 से पहले तक निवेशकों के खाते में कंपनी के बताए प्लान के हिसाब से पैसा आया। लेकिन, दिसंबर 2018 में राहुल ने दूसरी कंपनी से अपना करार खत्म कर लिया। इसके साथ ही निवेशकों के खाते में रुपये आना भी बंद हो गया। तब अंजना ने अपने स्तर से जांच-पड़ताल की तो उन्हें हकीकत पता चली। इसके बाद उन्होंने राहुल से उनके और सभी निवेशकों के रुपये लौटाने को कहा। राहुल ने सभी निवेशकों का पैसा वापस करने का आश्वासन दिया था,लेकिन तीन फरवरी 2020 तक किसी निवेशक का पैसा वापस नहीं आया।
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