राजाजी पार्क से अपने देश को रवाना होने लगे प्रवासी पक्षी
देहरादून/लगभग चार महीने प्रवास के बाद राजाजी पार्क के मेहमान परिंदे स्वदेश को उड़ान भरने लगे हैं। इसके साथ ही गंगा व अन्य नदियों के तट अब सूने-सूने से नजर आने लगे हैं। खासकर दोपहर के वक्त इन परिंदों को वापसी के लिए उड़ान भरते देखा जा सकता है।इस साल हजारों प्रवासी पक्षी राजाजी पार्क के मेहमान बने। मौसम में बदलाव व पारे में उछाल के साथ ही ज्यादातर प्रजाति के पक्षियों ने स्वदेश वापसी कर ली है। दरअसल राजाजी टाइगर रिजर्व नैसर्गिक सुंदरता के लिए दुनिया भर में मशहूर है। हर साल शीत ऋतु शुरू होने के साथ ही मोतीचूर, गौहरी और चीला रेंज के बीच नदी तट पर प्रवासी पक्षियों का बसेरा शुरू हो जाता है। कई जगहों पर मौजूद इन पक्षियों को पूरे दिन पानी में जल क्रीड़ा और तट पर विश्राम करते देख सकते हैं। इनमें जलकाग व रूडी शेलडक यानि सुर्खाब पक्षी सबसे ज्यादा संख्या होते हैं। बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों के आने से राजाजी पार्क के पर्यटन व्यवसाय को भी फायदा होता है। शीतकाल में मध्य एशिया से विभिन्न प्रजाति के यह पक्षी हजारों किलोमीटर की यात्रा तय कर राजाजी टाइगर रिजर्व में प्रवास के लिए आते हैं। नंवबर से लेकर करीब मार्च महीने तक यहां रहते हैं। इनमें चकोर, वॉल क्रीपर, सैंड पाइपर, जलकाग, सुर्खाब, साइबेरियन पक्षी मुख्य हैं। पार्क क्षेत्र में यह ऋषिकेश से लेकर हरिद्वार तक गंगा व दूसरी सहायक नदियों के किनारों पर प्रवास करते हैं।अनुमान लगाया गया कि इस बार राजाजी पार्क की विभिन्न रेंजों में करीब 20 प्रजाति के दस हजार से अधिक प्रवासी परिंदे आए। वन कर्मियों के मुताबिक इस दौरान यह अपना परिवार भी बढ़ाते हैं। मोतीचूर के रेंज अधिकारी शैलेन्द्र नेगी ने बताया कि अब ज्यादातर पक्षियों के कुनबे जाने लगे हैं। अप्रैल माह तक सभी पक्षी स्वदेश जा चुके होंगे।
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