राम जन्मभूमि फैसले के खिलाफ पी.एफ.आइ पहुंचा सुप्रीम कोर्ट  दायर की क्यूरेटिव पिटीशन


 
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की है। पीएफआई ने अपनी याचिका में कहा है कि वो भले ही मुख्य मामले में पक्षकार नहीं था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उसका हित प्रभावित हुआ है। याचिका में खुली अदालत में बहस की मांग की गई है। अयोध्या केस में 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन को रामलला विराजमान को देने का फैसला सुनाया था। साथ ही कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन देने का सरकार को आदेश दिया था। लेकिन इस फैसले के खिलाफ  इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दायर की है। पीएफआई  ने अपनी याचिका में कहा है कि वो भले ही मुख्य मामले में पक्षकार नहीं था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उसका हित प्रभावित हुआ है। याचिका में खुली अदालत में बहस की मांग की गई है। बता दें कि इससे पहले रामलला के हक में फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश की ‘पीस पार्टी’ ने सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल की थीं। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का गठन 2006 में किया गया था। पीएफआई एक उग्र इस्लामिक संगठन है। पीएफआई लोगों को उनके हक दिलाने और समाजसेवा का दावा करता है। 16 राज्यों में फैले इस संगठन की महिला विंग भी है। झारखंड में उस संगठन पर बैन भी लगाया गया था। झारखंड सरकार को इसके कुछ सदस्यों के सीरिया में लिंक मिले थे। 2018 में केरल में भी इसको प्रतिबंधित करने की मांग उठी थी। यूपी में बीते दिनों हुई हिंसा में इस संगठन का हाथ होने का आरोप है।


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