यूपी / संपत्तियों को क्षति पहुंचाने वालों से वसूली अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी
लखनऊ/राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने रविवार को उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी। इसकी अधिसूचना जारी होने के साथ ही आगजनी कर संपत्तियों को क्षति पहुंचाने वालों से वसूली का मार्ग प्रशस्त हो गया है। अध्यादेश में प्रावधान है कि निजी संपत्तियों के मालिक, जिनकी संपत्ति ऐसी घटना में क्षतिग्रस्त हो चुकी हो, संबंधित थानाध्यक्ष से रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद प्रतिकर के लिए दावा याचिकाएं नियमानुसार दाखिल कर सकेंगे। लोक संपत्तियों की क्षति के संबंध में दावा याचिकाएं केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय प्राधिकरणों या निगमों के विभागाध्यक्ष की तरफ से दायर कराई जाएंगी। दावा अधिकरण में एक अध्यक्ष होगा, जो सेवानिवृत्त जिला जज होगा। इसके अलावा एक सदस्य होगा, जो अपर आयुक्त की श्रेणी का होगा। अधिकरण ही घटनाओं में किसी लोक या किसी निजी संपत्ति के कारण हुई क्षतियों पर समुचित प्रतिकर का निर्धारण करेगा। दावा अधिकरण को यह अधिकार होगा कि वह एक दावा आयुक्त नियुक्त कर सकता है। दावा आयुक्त तीन महीने के अंदर या बढ़ाई गई अवधि के भीतर अपनी रिपोर्ट दावा अधिकरण को देंगे।प्रतिकर हासिल करने के लिए दावा याचिका तीन महीने में देनी होगी। कोर्ट फीस स्टाम्प के रूप में 25 रुपये होगी। दावा अधिकरण प्रतिवादियों को आवेदन की प्रति के साथ आवेदन पर सुनवाई करने की तिथि की नोटिस भेजेगा। बंद, हड़ताल, दंगा, लोक उपद्रव और प्रतिवादों के दौरान अथवा उसके परिणाम स्वरूप नष्ट हुई लोक संपत्ति पर प्रतिकर का दावा करने की शक्ति कार्यालयाध्यक्ष में निहित होगी।
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