भैया दूज और भाई


माँ से मेरा मायका है,


पापा से है  परिवार।

भाभी मेरी देहरी जैसी, 

भैया मायके का द्वार।

रहे सलामत भतीजा मेरा, 

खुशियों से चहके मेरे

भैया भाभी सपरिवार। 

भैया दूज का दिन सुहाना, 

भैया मेरे तुम ना भुलाना। 

रहू कहीं भी कैसे भी रहूं, 

भैया दूज को तुम आ जाना। 

हल्दी अक्षत कुमकुम टीका, 

भाल तुम्हारे सोहे चंद्र सरीखा। 

सगुन की बेला रिश्तों का बंधन, 

घर तुम्हारे भरा रहे अन्न धन। 

स्नेह दुआ सब तुम्हारे दम पर, 

लगे कभी कुछ ना तुमको कमतर। 

माँ पापा से है लाड़ दुलार, 

तुमसे है भैया मायके पर अधिकार। 

हम सब बहने हैं मोती, भाभी धागा, 

मां पापा सुमेरु और तुम हो माला। 

हम बहनों की दुआओं से, 

चमकता रहे सदा संसार तुम्हारा। 

सारे जग में है सबसे निराला, 

भाई बहन का रिश्ता रिश्तों में आला। 

रहे सलामत मायके का आंगन, 

तन ससुराल हो मेरा मायका हो मन। 

बना रहे सम्मान दोनो कुल का, 

सदा मनाये हम भाई बहन। 

मिलकर ये भैया दूज का त्योहार, 

रहे अमर रिश्तों में भाई बहन का प्यार। 

 

आरती त्रिपाठी सीधी मध्य प्रदेश 

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