CORONA LATEST NEWS: राजधानी में बड़ी संख्या में पत्रकारों की COVID-19 सक्रीनिग की गई: Dr. Saba

 



देहरादून/उत्तराखण्ड: ukdwaar.in (Bureau Chief-Sompal Singh)  राजधानी में 24 अप्रैल शुक्रवार को हरिद्वार रोड स्थित कैलाश अस्पताल की एक डाॅक्टर की टीम पत्रकारों की सक्रीनिंग टेस्ट के लिए मौके पर ही पहंुचकर करीब 150 मीडियाकर्मीयों की सक्रीनिंग गई। वही जिसमें इस कोरोना वायरस कोविड-19 मानवता का अदृश्य शत्रु है। जिसका फिलहाल अभी कोई इलाज भी नहीं है। जबकि कई बार तो इस वायरस के लक्षण शुरू में ही पता चल जाते हैं। लेकिन कई बार स्थितियां ऐसी भी होती है। जब इसके लक्षण सामने आते हैं। तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।


वही इस वैश्विक महामारी से बचने के लिए छोटी-छोटी सावधानियों से न सिर्फ हम बल्कि दूसरों को भी इस घातक वायरस के हमले से बचाया जा सकता है।इसी पर आज 24 अप्रैल को दून मे स्थित हरिद्वार रोडकैलाश हाॅस्पिटल की ओर से पहले दिन पत्रकारों की सक्रीनिंग के लिए निकली मेडिकल टीम में  जिसमें डाॅ0 सबा खान व उनके साथ तीन स्टाफ स्वास्थ्य कर्मीयों को लेकर राजधानी में जगह-जगह कवरेज कर रहे मीडियाकर्मीयों के उनके स्वास्थ्या का ध्यान रखते हुए जो इस वक्त कोरोना की जंग में योद्धाओं के रूप में मैदान में डटे हुए है। उन सभी पत्रकारों को जो न्यूज कवरेज फिल्ड पर मौक पर पाये गये उनकी सक्रनिंग कैलाश अस्पताल की टीम की ओर से की गई।




 


वही इस दौरान कैलाश अस्पताल की डाॅ0 सबा खान ने बताया कि दून के घण्टाघर स्थित मौजूद कई मीडियाकर्मीयों की कोविड-19 के लक्षण की सक्रीनिंग टेस्ट के लिए निकले जिसमें उन्होनें इस परिक्षण के दौरान बताया कि अधिकतर पत्रकारों को (BP) बीपी, शुगर जैसी बीमारी से ग्रस्त दिखे जिन्हें इस परिक्षण के बाद पत्रकार जो दवा पहले से ले रहे है उसमें कुछ अलग से व दवा बदली गई है। साथ सक्रीनिंग के दौरान 99 पत्रकारों को कोरोना कोविड-19 के लक्षण किसी में नही दिखाई पड़े जो एक अच्छी बात है। दून शहर में 150 करीब पत्रकारों की सक्रीनिंग की गई।


वही इस (Kailash Hospital Dr. Saba Khan) डाॅ0 सबा खान नेकहा कि जिनकी इम्युनिटी अच्छी है, वे कोरोना का अच्छे से मुकाबला कर सकते हैं। वही उन्होंनंे पत्रकारों की मौके पर सक्रीनिंग करते हुए बताया कि शरीर का तापमान 100-101 से ऊपर नहीं होना चाहिए। यदि यह इस मानक से ऊपर है तो व्यक्ति को निश्चित ही अगली जांच करवानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन कर स्तर 90 से कम नहीं होना चाहिए। यदि ऑक्सीजन लेवल 90 से कम है तो चिंता की बात है और व्यक्ति को अपनी जांच करवानी चाहिए। यदि ये दोनों ही मानकों के अनुरूप हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है। कोरोना से लड़ने के लिए व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) भी सही होनी चाहिए। कोरोना का फिलहाल कोई उपचार नहीं है। अतः बचाव ही इसका सबसे बड़ा इलाज है।


वही जिसमें आपको बता दें कि जब से महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में कम से कम 53 मीडियाकर्मी को।कोरोना वायरस कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। बता दे वही जिमसें कोविड.19 की जांच के लिए 16 और 17 अप्रैल को आजाद मैदान में विशेष शिविर लगाया गया था। और इस दौरान 171 मीडियाकर्मियों के लार के नमूने लिए गए थे।


जिनमें इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के पत्रकार, फोटोग्राफर और कैमरामैन शामिल थे। वही जिसमें से कुल 171 नमूनों में से 53 कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से अधिकतर में अभी तक कोई लक्षण नहीं है। तब भी से देशाभर के सभी राज्यों में मीडियाकर्मीयों में इस खबर हड़कंप मचा हुंआ है। और जिसमें कई राज्यो में जैसे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि मीडियाकर्मीयों की कोरोना कोविड-19 के लक्षण सक्रीनिग परिक्षण किया जा रहा है।


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