किसानों के लिए गेहूं की फसल काटना बना चुनौती।
पीरूमदारा के किसान निर्मल सिंह ने बताया कि उनकी फसल पककर तैयार है लेकिन इस फसल को काटना चुनौती बना ही हुआ है.काटने का इंतजाम कर भी लें तो इसे रखने के लिए उनके पास जगह नहीं है। सरकार के गेहूं क्रय केंद्र खुल जाते तो वहां फसल बेच देते जिससे उनके पास अगली फसल बोने के लिए भी हाथ में कुछ पैसे भी आ जाते। अब हालत यह है कि अगर वह यदि जल्दी फसल नहीं काटते तो गेहूं के दाने झड़ने के साथ ही आग जैसी विभीषिका का डर भी बना हुआ है। उन्होंने कहा कि मौसम की मार पड़ी तो उनके लिए बहुत मुश्किल हो जाएगी।उधर खाद्य विभाग (आरएफसी) के सीनियर मार्केटिंग ऑफिसर अशोक कुमार ने बताया कि सरकार की योजना 25 मार्च से क्रय केंद्र खोलने की थी जिसकी सभी तैयारियां भी कर ली गई थी। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉकडाउन करना पड़ा जिसकी वजह से यह नही खुल पाए।अब सरकार 15 अप्रैल से गेहूं क्रय केंद्र खोलने जा रही है जिसके लिए कांटे भी लगा दिए गए हैं लेकिन प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन बढ़ाने की केन्द्र से सिफारिश की है। जिसके बाद फिर से गेहूं क्रय केंद्र खोलने को लेकर अनिश्चितता बन गई है। अब यह सरकार पर है कि वह लॉकडाउन का पालन करवाते हुए गेहूं और किसानों को बचाने के लिए क्या करती है।
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