कोरोनाबन्दी : 62% से अधिक लोग आर्थिक तंगी का शिकार, सामान खरीदने को भी नहीं पैसे
नई दिल्ली/कोरोना लॉकडाउन के बाद विभिन्न समूहों-सामाजिक, आय, आयु, शिक्षा, धर्म और जेंडर के 62.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पास राशन, दवा आदि या इन जरूरी चीजों के लिए धन तीन सप्ताह से कम समय के लिए ही है। ‘आईएएनएस सी-वोटर कोविड ट्रैकर्स इंडेक्स ऑफ पैनिक’ सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ है।
कुल 37.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे तीन सप्ताह से अधिक समय के लिए इन आवश्यक चीजों के लिए तैयार हैं। यह आंकड़ा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि देश कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए लगे 21 दिवसीय लॉकडाउन के अंत के करीब जा रहा है और राज्य सरकारों के बीच दो और हफ्तों के लिए लॉकडाउन बढ़ाने के लिए एक आम सहमति बन रही है।
सर्वे के अनुसार, कम आय और कम शिक्षा समूहों वाले लोगों की स्थिति सबसे कमजोर है, जहां 70:30 के हिस्से में अधिकांश लोगों के पास तीन सप्ताह से अधिक समय तक चलने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।
निचले तबके पर अधिक असर
सर्वे के रुझान से संकेत मिलता है कि कम आय वर्ग और समाज के निचले तबके से जुड़े लोगों के पास अपने परिवारों की देखभाल करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं, जबकि मध्यम आय वाले तबके के पास तीन सप्ताह की अवधि के लिए संसाधन हैं। सिर्फ ज्यादा आय वर्ग वाले लोगों के पास तीन सप्ताह से अधिक समय तक के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।
शहरी भारत में 55 प्रतिशत लोगों के पास पर्याप्त रूप से आवश्यक वस्तुएं हैं और उनके पास जरूरी चीजों के लिए तीन सप्ताह से कम समय तक के लिए पैसे हैं। ग्रामीण और अर्द्ध-नगरीय लोग (65 प्रतिशत से अधिक) का कहना है कि उनके पास तीन सप्ताह तक गुजर-बसर करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।(साभार लाइव हिंदुस्तान)
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