लॉकडाउन में मजदूर एवं मध्यम वर्गीय परिवार स्कूल फीस देने में असमर्थ,माफ़ करे सरकार

 


 


देहरादून। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति जनजाति विभाग के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक राजकुमार ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखा है। उसमें उन्‍होंने लिखा कोरोना और लॉकडाउन के चलते मजदूर एवं मध्यम वर्गीय परिवार स्कूल फीस देने में असमर्थ है और तीन माह तक स्कूलों की फीस, बिजली व पानी के बिल माफ करने और सरकार को शीघ्र ही ठोस कदम उठाने की आवश्यकता हे।


एक बयान में उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के एक माह से अधिक समय होने के बावजूद भी वह अपनी मजदूरी व छोटी मोटी व्यवस्था भी नहीं कर पा रहा है। इसी प्रकार से छोटी दुकान में काम करने वाला व्यक्ति हो या कोई फैक्ट्री में काम करने वाला या कोई भी छोटा व्यवसाय करने करने वाला व्यक्ति, सभी परेशान हैं। विशेष रूप से मध्यम वर्ग के लोग अपने सम्‍मान के कारण थाने व चैकियों में लाइन में नहीं लगते और उन सभी लोगों की तीन माह फीस माफ की जाए। इसी के साथ उन सभी परिवार को 10 किलो चावल, 10 किलोग्राम गेहूं और दाले निश्‍शुल्क दी जाए। जिससे वह अपने परिवार का लालन पालन कर सकें।


उन्होंने कहा कि इसके साथ ही जो दुकानों पर कार्य करने वाला व्यक्ति है ओर थ्री व्हीलर चालक, ड्राइवर और छोटी दुकाने चालाने वाला व्यक्ति सभी के पानी व बिजली के तीन माह में बिल माफ किए जाएं। इसी के साथ कमर्शियल वाहनों के चालक और परिचालक की आर्थिक मदद की जाए। वहीं, कमर्शिलय वाहनों को टैक्स में तीन माह की छूट दी जाए। इसके लिए प्रदेश सरकार को शीघ्र ही ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए, जिससे यह लोग आराम से अपना व अपने परिवार का जीवन व्यतीत कर सकें।


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