मेडिकल स्टाफ के लिए आवश्यकता है हर दिन एक लाख पीपीई किट
जब कोरोना का संक्रमण बढ़ना शुरू हुआ था, तब डब्ल्यूएचओ ने चेताया था कि दुनियाभर में पीपीई की कमी है। लेकिन भारत ने 19 मार्च को इसके निर्यात पर रोक लगाई। हालांकि देश में 30 जनवरी को पहला संक्रमित मिलने के अगले ही दिन सरकार ने पीपीई का निर्यात रोक दिया था, लेकिन 8 फरवरी को फिर से मास्क और ग्लव्स का निर्यात शुरू कर दिया था। संयुक्त सचिव (कपड़ा मंत्रालय) निहार रंजन दास बताते हैं कि वर्तमान में रोज 12 हजार पीपीई किट और 1.25 लाख एन-95 मास्क बन रहे हैं। 25 अप्रैल तक रोज 30 हजार पीपीई बनने की उम्मीद है।
सवाल-जवाब: चीन रोज बना रहा 12 करोड़ मास्क और अन्य प्रोटेक्टिव गियर्स
सवाल- देश में पीपीई किट का संकट क्यों है?
जवाब- एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स (इंडिया) के महासचिव डॉ. गिरधर ज्ञानी बताते हैं कि डॉक्टर्स को एक दिन में 3 बार पीपीई किट्स बदलनी पड़ती हैं। फिक्की के हेल्थ सर्विसेस कमेटी के सह-अध्यक्ष डॉ. एन. सुब्रमण्यम बताते हैं कि एक पीपीई सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल की जाती है। पीपीई किट में गाउन, टोपी, शू-कवर, मास्क और ग्लव्स आते हैं।
सवाल- रोज कितनी पीपीई किट की जरूरत है?
जवाब- अनुमान है कि देश में रोज कम से कम एक लाख पीपीई किट की जरूरत है, क्योंकि डॉक्टर के अलावा आइसोलेशन वार्ड के स्टाफ और टेस्टिंग व सैम्पलिंग में जुटे लोगों को भी इसकी जरूरत है।
सवाल- देश में पीपीई किट कौन बना रहा है?
जवाब- किट बनाने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ रही हैं। अभी करीब 39 कंपनियां हैं। बीते सप्ताह हमारी क्षमता रोज 12 हजार पीपीई किट बनाने की थी।
सवाल- एक पीपीई किट कितने रुपए की आती है?
जवाब- इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. ध्रुव चौधरी बताते हैं कि पहले अच्छी क्वालिटी की पीपीई किट 700-800 रुपए और सुपीरियर क्वालिटी की किट 800-900 रु. में मिलती थी। अब एक किट रेट कॉन्ट्रैक्ट के हिसाब से 1200-1300 रुपए में पड़ रही है।
सवाल- जब पीपीई का संकट है तो चीन ने इससे कैसे मुकाबला किया?
जवाब- जनवरी में जब चीन में संक्रमण चरम पर था, तब उसने 2 अरब मास्क आयात किए। वहीं 40 करोड़ पीपीई किट और गॉगल्स जैसे आइटम भी विदेशों से मंगवाए।
सवाल- क्या चीन खुद इनका निर्माण करने में सक्षम नहीं था?
जवाब- चीन संक्रमण से पहले रोज एक करोड़ पीपीई बनाने में सक्षम था। संक्रमण के बाद उसने रोज 12 करोड़ मास्क और सुरक्षा की अन्य चीजें बनाने की क्षमता कर ली। दुनिया में बिकने वाले 50% मास्क चीन में बनते हैं। इसके बावजूद भी संक्रमण के समय उसे ये चीजें बाहर से मंगवानी पड़ीं।
सवाल- दूसरे देशों में डॉक्टर्स के पास पीपीई की उपलब्धता कैसी है?
जवाब- ब्रिटेन के डॉक्टर्स एसोसिएशन ने 193 अस्पतालों के अध्ययन के बाद बताया है कि 77% डॉक्टर्स के पास आस्तीन वाला गाउन नहीं है। अमेरिका में पीपीई की कमी बताने पर डॉक्टर को नौकरी से निकालने की धमकी मिली। अमेरिका को अगले कुछ महीने में 3.5 अरब मास्क की जरूरत
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