ओलावृष्टि से किसानों की फसल सहित बागवानी भी नष्ट
चम्पावत। जिले के पाटी ब्लॉक अन्तर्गत देवीधुरा, ढरौंज़ गाँव व आस-पास के क्षेत्र में अचानक मंगलवार शाम 3 बजे हुई ओलावृष्टि ने किसानों के चेहरे मायूस कर दिए। ब्लॉक में अधिकांश नुकसान देवीधुरा, पखोटी, कनवाड़, ढ़रौंज व उसके आस-पास के गाँवों में देखने को मिला। जिससे किसानों की लगभग तैयार हो चुकी फसलें गेहूँ, जौ, प्याज, आलू और राजमा की फसल नष्ट हो गई। इसके साथ-साथ आड़ू, खुमानी, पूलम, नींबू, माल्टा, संतरा, नाशपाती, सेब की बागवानी को भी भारी नुकसान हुआ है। कोरोना की इस लड़ाई में और लॉकडाउन के इस कठिन समय में किसानों की एकमात्र आस उनकी फ़सल ओलावृष्टि की भेंट चढ़ जाने के बाद अब किसानों के चेहरे मुरझा चुके हैं। बताते चलें कि, क्षेत्र के अधिकांश किसान साधन सहकारी समिति से ऋण लेकर खेती कर रहे थे। लेकिन ओलावृष्टि से हुए भारी नुकसान के बाद अब क्षेत्र के किसानों के सम्मुख ऋण चुकाने की समस्या मंडराने लगी है। ओलावृष्टि से हुए नुकसान को देख निराश होकर क्षेत्र के किसान यमुना प्रसाद पनेरू ने साधन सहकारी समिति के माध्यम से सरकार से राहत दिलाने की गुहार लगाई है। किसानों के लिए कोरोना के कहर में ओलावृष्टि का कहर इतना मायूस कर देने वाला था कि, भीषण ओलावृष्टि का साधन सहकारी समिति के कर्मचारी दीपक सिंह ने किसानों की लगभग बर्बाद हो चुकी फसल का जायजा लिया। साथ ही किसानों को कहा कि, वर्तमान में सम्पूर्ण व्यवस्थाएं कोरोना से निपटने का कार्य कर रही हैं।इसके बावजूद देश की अर्थब्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले काश्तकारों पर सरकार की पैनी नजरें हैं। सरकार की योजनाएँ किसानों के हितों के लिए भी बनी हुई हैं। देवीधुरा के ग्राम प्रधान ईश्वर सिंह बिष्ट का कहना है कि, लगभग 20-25 मिनट की भीषण ओलावृष्टि से किसानों की फसल लगभग खत्म की कगार पर जा पहुँची है। प्रधान बिष्ट ने सरकार से माँग की है कि, किसानों के ओलावृष्टि से हुए नुकसान का मुवावजा मिलना चाहिए औऱ जो किसान ऋण लेकर खेती कर रहे थे, उन्हें भी ऋण में छूट दी जाय। इसके साथ-साथ ग्राम प्रधान बिष्ट ने बागवानी कर रहे किसानों को भी ओलावृष्टि से हुए नुकसान के मुवावजे की माँग की है।
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