ऐसा थाना जिसका लॉकअप खोलते हुए भी डरते हैं थानेदार जाने क्यों
गोरखपुर/ उत्तर प्रदेश. गोरखपुर का शाहपुर थाना जिसका एक अजीब इतिहास है. 11 साल से अपने इतिहास को अपने साथ लेकर चलने वाले थाने में जो भी थानेदार आते हैं वह बंदी को कभी भी थाने के लॉकअप में बंद नहीं करते. यही कारण है लॉकअप वर्षों से खाली है. थानेदार अपने ऑफिस में लॉकअप बनाना पसंद करते हैं लेकिन इस थाने मे बने लॉकअप के अंदर मुलजिम को बंद करना ठीक नहीं समझते. इसके पीछे अपशकुन को कारण बताया जाता है.
लॉकअप के पीछे की क्या है कहानी
लॉकअप के पीछे 11 साल पहले का इतिहास छिपा हुआ बताया जाता है. बताया जाता है कि सुनील साहनी नाम के युवक को थानेदार ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया था. अगले दिन उसका शव कुसम्ही जंगल में मिला था. सुनील के परिजनों ने थाने में जमकर बवाल किया था इतना ही नहीं गुस्साई भीड़ ने शाहपुर थाने के असुरन चौकी को फूंक दिया था. भीड़ का आरोप था कि सुनील को पुलिस ने बेरहमी से पीटा जिससे उसकी मौत हो गई और उसके शव को कुसम्ही जंगल में फेंक दिया. विवाद बढ़ते देख तत्कालीन थानेदार श्री प्रकाश गुप्ता सहित कई को शासन ने निलंबित किया था जिसके बाद से ही इस लॉकअप के अपशगुन की बात कही जाती है.
11 साल से खाली पड़ा है लॉकअप
ऊपर की घटना के बाद से अजीब संयोग रहा कि इक्का-दुक्का अभियुक्तों को बंद किया गया तो उन्होंने अपनी नस काट ली या फिर खुदकुशी कर ली. ऐसी घटनाओं के बाद जो भी थानेदार थाने पर आए किस्सा सुनने पर यही कहा कि लॉकअप में किसी को बंद नहीं किया जाएगा. तब से लेकर आज तक लॉकअप खाली है. थानेदार का ऑफिस ही लॉकअप है.( साभार )
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