इस बार आईएमए की पीओपी में शामिल नहीं हो पाएंगे कैडेट्स के परिजन
देहरादून। कोरोना वायरस (कोविड-19)के संक्रमण का असर इस बार भारतीय सैन्य अकादमी में होने वाली पासिंग आउट परेड में भी देखने को मिलेगा। हर छह माह में होने वाले पीओपी की जो भव्यता है, वह इस बार देखने को नहीं मिलेगी।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए आईएमए प्रबंधन ने 13 जून को होने वाली पीपीओ का आकार सीमित करने का निर्णय लिया है। इस बार कैडेट्स के परिजनों के साथ ही देश-विदेश के मेहमान परेड के दौरान मौजूद नहीं रहेंगे।
कोरोना वायरस के चलते जून में होने वाले पासिंग आउट परेड को लेकर आईएमए प्रबंधन के सामने चुनौती खड़ी हो गई है। पीओपी में शिरकत कर देश-विदेश के करीब 882 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट होने हैं। मौजूदा समय में कोरोना के चलते जो हालात बने हुए हैं, उससे अकादमी प्रबंधन असमंजस में है।
हर छह महीने में आयोजित होने वाले पीओपी में देश विदेश के साथ ही कैडेटों के माता-पिता, रिश्तेदारों के साथ ही अन्य देशों के अतिथि मौजूद रहते हैं। लेकिन भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के गाइड लाइन के मुताबिक कहीं भी अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकते हैं।
उससे पीओपी की तैयारियों को लेकर अकादमी प्रबंधन असमंजस की स्थिति में है। माना जा रहा है कि यदि अगले एक-दो सप्ताह में कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण पर लगाम नहीं लगती है तो इस बार आईएमए में आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड का स्वरूप भव्य नहीं, बल्कि रस्मअदायगी तक सीमित रह सकता है।
आईएमए के पीआरओ कर्नल अमित डागर ने बताया कि पीओपी में रक्षा मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी का पूरा पालन किया जाएगा। कोरोना के चलते आईएमए की परेड सीमित होगी।
कैडेट्स के परिजन और अन्य अतिथि इस बार आयोजन में भाग नहीं ले सकेंगे। हालांकि परेड पूर्व की भांति ही होगी। उल्लेखनीय है कि इंडियन मिलिट्री एकेडमी में देश के साथ ही मित्र देशों के जेंटलमैन कैडेट्स को प्री-मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाती है।
अकादमी से सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद यही कैडेट्स पास आउट होकर बतौर अधिकारी अपने-अपने देश की सेना का अभिन्न अंग बनते हैं। इसके लिए अकादमी में प्रतिवर्ष जून व दिसंबर में पासिंग आउट परेड आयोजित की जाती है।
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