ट्रम्प की बिटिया इवांका ने दरभंगा की बेटी ज्योति के हौसले को सराहा…


नई दिल्ली। बिहार के दरभंगा की बेटी ज्योति के हौसले और हिम्मत की चर्चा अमेरिका तक पहुंच गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रम्प ने ज्योति के हौसले को सराहा है उसकी संघर्षपूर्ण कहानी को उन्होने अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है। यहां बता दें कि दरभंगा के सिरहुल्ली गांव की ज्योति लॉकडाउन के दौरान अपने बीमार पिता को लेकर साइकिल से गुड़गांव से दरभंगा पहुंच गई। तकरीबन 12 सौ किमी के इस संघर्षपूर्ण सफर को उसने हौसले के साथ 7 दिनों में पूरा किया।


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प ने ज्योति की कहानी को ट्विटर पर साझा किया। ज्योति आठवीं की छात्रा है। कई संगठनों ने आगे आकर उसकी पढ़ाई में मदद का भरोसा दिया है, वहीं साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से भी ज्योति के अगले महीने ट्रायल के लिए बुलाया गया है। ज्योति ने बताया कि उसे एक कॉल आया है। साइकिलिंग फेडरेशन के चेयरमैन ओंकार सिंह ने उसे शाबाशी के साथ आशीर्वाद भी दिया।


दरभंगा की 15 साल की ज्योति जनवरी में अपने बीमार पिता की सेवा के लिए गुड़गांव गई थी। इसी बीच मार्च में लॉकडाउन हो गया और वह गुड़गांव में ही फंस गई,क्षबीमार पिता की जेब खाली थी। पिता और बेटी के समक्ष भूखों मरने की नौबत आ गई। इसी बीच प्रधानमंत्री राहत कोष से एक हजार रुपये खाते में आए। ज्येति ने कुछ और पैसे मिलाकर पुरानी साइकिल खरीदी और पिता को उस पर बिठाकर गांव लाने की ठानी। पिता पहले नहीं माने पर बेटी के हौसेले के आगे हां कर दी।


ज्योति आठ दिनों की कड़ी मेहनत के बाद 12 सौ किलोमीटर साइकिल चलाकर पिता को लेकर गुड़गांव से दरभंगा के सिरहुल्ली पहुंच गई। इस बीच राढ़ी पश्चिमी पंचायत के पकटोला स्थित डॉ. गोविंद चंद्र मिश्रा एजुकेशनल फाउंडेशन ने भी ज्योति को निःशुल्क शिक्षा और उसके पिता मोहन पासवान को नौकरी का प्रस्ताव दिया है। फाउंडेशन ने सिरहुल्ली निवासी मोहन पासवान और उनकी पुत्री ज्योति कुमारी को हरसंभव सहायता करने का निर्णय लिया है।


 


संवाददाता तब्बससुम भट्ट की रिपोर्ट…


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