उत्तराखंड में अंतर्जनपदीय आवागमन खुला, आनलाइन आवेदन काफी


कैबिनेट बैठक: उत्तराखंड में एक जिले से दूसरे में जाने की छूट, और अन्य फैसले


सरकार ने राज्य के भीतर एक जिले से दूसरे जिले में लोगों को जाने की छूट दे दी है। उनके ऑनलाइन आवेदन को ही पास मान लिया जाएगा। आवाजाही करने पर उन्हें क्वारंटाइन में नहीं रहना होगा।


सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि लोगों की समस्या के मद्देनजर यह फैसला लिया गया। जो व्यक्ति राज्य के भीतर एक जिले से दूसरे जिले में जाना चाहता है,वे अब सिर्फ पास के लिए ऑनलाइन आवेदन करने पर ही जा सकेंगे।


यदि उनका आवेदन निरस्त भी हो जाता है तो तब भी यह सुविधा बरकरार रहेगी। राज्य के भीतर आवाजाही करने वाले ऐसे लोगों को कहीं भी क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा। इससे ऐसे लोगों को राहत मिलेगी,जो जरूरी काम से जाना चाहते हैं।


उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान सरकार ने जो छूट दी है,उसी अवधि के लिए यह रियायत रहेगी। अलबत्ता,ऐसे लोगों को वाहनों में जाने के लिए सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा।


यह पूछे जाने पर कि यदि राज्य का कोई जिला रेड कैटागिरी में आता है तो तब क्या स्थिति रहेगी ? कौशिक ने कहा कि फिलहाल राज्य के सभी जिले आरेंज कैटागिरी में हैं, तब रेड कैटागिरी में कोई जिला आएगा तो तब ही इस पर फैसला लिया जाएगा।


उत्तराखंड: कैबिनेट ने दी बड़ी राहत, बिना पास एक से दूसरे जिले में जा सकेंगे लोग,केवल ऑनलाइन करना है आवेदन, स्वीकृति की नहीं है जरूरत


उत्तराखंड में अब कोई भी नागरिक एक जिले से दूसरे जिले में जा सकेगा। हालांकि अंतरजनपदीय आवाजाही के लिए बनाई पास की व्यवस्था को समाप्त नहीं किया गया है। सरकार ने यह प्रावधान किया है कि दूसरे जिले में जाने से पहले केवल ऑनलाइन पास के लिए आवेदन करना है।


मंजूरी मिलने का इंतजार किए बिना आवेदन के आधार पर ही दूसरे जिले में जाया जा सकेगा। हालांकि अगर कोई भी जिला रेड जोन में शामिल होता है, तो वहां आने और जाने के लिए पास पर अनुमति लेने की व्यवस्था रहेगी।


उत्तराखंड में सभी जिले ऑरेंज श्रेणी में हैं। ऐसे में सरकार ने एक जिले से दूसरे जिले में लोगों को आने जाने के लिए पास के लिए होने वाले आवेदन पर मंजूरी मिलने की व्यवस्था समाप्त कर दी है। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि मंत्रिमंडल की बैठक में यह मामला आया था।


सरकार ने यह निर्णय लिया कि अगर कोई व्यक्ति एक जिले से दूसरे जिले में जाना चाहता है तो जा सकता है। प्रशासन को सूचित करने के लिए उसे ऑनलाइन पास आवेदन वाली वेबसाइट पर जाकर आवेदन करना है। ऑवेदन पर मंजूरी मिले, इसकी कोई आवश्यकता नहीं रहेगी।


नहीं किया जाएगा क्वारंटीन


उन्होंने साफ किया कि यह व्यवस्था ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले जिलों के लिए ही है। अगर कोई जिला रेड जोन में आता है तो नियम पूरी तरह से बदल जाएंगे। रेड जोन में आने या वहां से बाहर जाने के लिए जिला प्रशासन पास पर मंजूरी देगा। बिना मंजूरी के कोई रेड जोन से बाहर नहीं आ और जा सकेगा।


वहीं, दूसरे जिलों से आने-जाने पर दूसरी बड़ी राहत यह है कि किसी भी व्यक्ति को क्वारंटीन नहीं किया जाएगा। क्वारंटीन किए जाने की व्यवस्था केवल रेड जोन वाले जिलों से आने वालों के लिए रहेगी। अगर कोई व्यक्ति रेड जोन से आता है तो उसे अनिवार्य रूप से क्वारंटीन किया जाएगा।


कौशिक ने बताया कि सरकार के स्तर से निर्णय लिया जा चुका है, अब इसके संबंध में जिलाधिकारी अपने जिलों में आदेश जारी करेंगे। इसके बाद कोई भी व्यक्ति इसका लाभ ले सकेगा।


पर्यटन गतिविधि शुरू करने की सिफारिश 


राज्य सरकार ने केंद्र से उत्तराखंड में लॉकडाउन चार खत्म होने के बाद पर्यटन व धार्मिक गतिविधियां शुरू करने के साथ ही होटल-ढाबें खोलने की सिफारिश की है।


कौशिक ने कहा कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था पर्यटन व धार्मिक गतिविधियों पर निर्भर है। ऐसे में इन्हें लंबा समय तक बंद नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि राज्य में ज्यादात्तर गतिविधियां सामान्यतौर पर शुरू भी हो चुकी हैं। कौशिक ने उम्मीद जताई की केंद्र सरकार राज्य को ये गतिविधियां शुरू करने में राहत देगी।


रजिस्ट्री की नकल महंगी


कैबिनेट ने रजिस्ट्री की नकल की प्रतिलिपि के दाम बढ़ा दिए हैं। रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 78 व 79 में यह संशोधन किया गया। पहले 500 शब्दों के रजिस्ट्री की नकल की प्रति पांच रुपये व पूरी रजिस्ट्री की नकल लेने के दस रुपये देने पड़ते थे। अब इसे न्यूनतम एक सौ रुपये कर दिया है।


आउटसोर्स भर्ती की अवधि बढ़ाई


स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स से की जाने वाली भर्ती की अवधि को सरकार ने बढ़ा दिया है। कोविड-19 के मद्देनजर सरकार ने मैनपावर की कमी को दूर करने के लिए जिलाधिकारियों को आउटसोर्स पर कर्मचारी रखने के लिए तीन माह का वक्त दिया था। अब इसे 20 फरवरी, 21 तक बढ़ा दिया है।



Covid-19:उत्तराखंड में फूटा कोरोना बम,102 संक्रमित के मिलने से 602 हुए मरीज,ये है जिलेवार मरीजों की संख्या


प्रदेश में शुक्रवार का दिन भी कोरोना को लेकर कोई अच्छी खबर नहीं आई है। प्रदेश में दोपहर तक 102 कोरोना के मरीज मिले हैं। प्रदेशभर में इतनी बड़ी संख्या में वायरस से पीड़ित मरीजों के मिलने के बाद अब संक्रमितों की संख्या 602 हो गई है।


प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अब संक्रमितों के संपर्क में आए संदिग्ध लोगों की पहचान कर उन्हें क्वारंटाइन करने में जुट गया है ताकि वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।


प्रदेश के गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिलों में मरीजों के मिलने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार मरीजों के मिलने से विभाग की चिंता भी बढ़ती जा रही है।


स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, प्रदेश के अल्मोड़ा जिले में 15, बागेश्वर में 08, देहरादून में 54, हरिद्वार में 04, नैनीताल में 02, पौड़ी में 02, पिथौरागढ़ में 01, रुद्रप्रयाग में 02, टिहरी में 08, यूएस नगर में 04 कोरोना संक्रमित मिले है। जबकि, दो कोरोना के पेशेंट प्राइवेट लैब में भी मिले हैं।


लेकिन राहत की वाली बात है कि प्रदेश में अब तक 89 कोरोना संक्रमित लोग पूरी तरह से स्वस्थ होकर अस्पताल में डिस्चार्ज हो चुके हैं। विभाग को आज 1089 संदिग्ध मरीजों के सैंपलों की रिपोर्ट मिली है, जो निगेटिव आई है।


जबकि, स्वास्थ्य विभाग ने 1489 संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए आज भेजे हैं। प्रदेश में रिकवरी रेट 14 प्रतिशत के आसपास है।


 


जिलेवार कोरोना मरीजों की संख्या


जिले मरीज


अल्मोड़ा 39


बागेश्वर 16


चमोली 11


चंपावत 08


देहरादून 137


हरिद्वार 47


नैनीताल 140


पौड़ी 24


पिथौरागढ़ 21


रुद्रप्रयाग 05


टिहरी 70


यूएस नगर 61


उत्तरकाशी 10


प्राइवेट लैब 12


कुल मरीज 602


84 प्रतिशत पॉजिटिव प्रवासी दिल्ली, महाराष्ट्र से


राज्य में अभी तक कुल 493 कोरोना मरीजों में से 417 प्रवासी मरीज हैं। जबकि पॉजिटिव पाए गए प्रवासियों में से 84 प्रतिशत दिल्ली और महाराष्ट्र से लौटे हैं। अपर सचिव युगल किशोर पंत ने बताया कि प्रवासियों के अलावा राज्य में 76 अन्य कोरोना मरीज विदेश या जताम से लौटे लोग थे।


उन्होंने बताया कि राज्य में अभी कम्युनिटी संक्रमण की स्थिति नहीं है और दूसरे स्तर का संक्रमण चल रहा है। उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक संख्या में लोगों को क्वारंटाइन इसीलिए किया जा रहा है ताकि संक्रमण आम लोगों तक न पहुंच सके।


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