गलवान घाटी मुठभेड़ का चीन दोषी नहींः चीनी राजदूत


देहरादून/भारत स्थित चीनी राजदूत सुन वेई तुंग ने भारत विरोधी चीनी प्रोपगंडे का मोर्चा संभालते हुए कहा कि चीन और भारत के टुकड़ियों के बीच गलवान घाटी में हुई मुठभेड़ का चीन दोषी नहीं है। चीनी राजदूत ने आरोप लगाया कि घटना का स्थल वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी पक्ष में है और भारतीय सैनिकों ने रेखा पार की। उनका कहना है कि इस वर्ष में भारतीय पक्ष ने रेखा को पार कर निर्माण करना शुरू किया और इस रेखा को बदलने की कोशिश की। 6 मई की रात को भारतीय टुकड़ियों ने रेखा को पार कर हिंसात्मक बल का प्रयोग किया।


उन्होंने कहा कि 6 जून को दोनों देशों के सेना कमांडर स्तरीय वार्ता हुई और भारतीय पक्ष ने गलवान नदी के मुहाने से आगे गश्त नहीं करने और सुविधाओं का निर्माण नहीं करने का वादा किया। दोनों पक्ष गलवान नदी के मुहाने के दोनों ओर आब्जर्वेशन पोस्ट स्थापित करने पर सहमत हुए। लेकिन इसके बाद भारतीय पक्ष ने दोनों की सेना कमांडर वार्ता में संपन्न सहमति को बदलकर रेखा को पार कर चीनी सेना को उत्तेजित किया।


उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष ने सबसे पहले चीनी सैनिकों के खिलाफ हिंसात्मक बल का प्रयोग किया। 15 जून की रात को भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर वास्तविक नियंत्रित रेखा को पार कर चीनी पक्ष के तंबू को नष्ट कर दिया। जब चीनी सीमा रक्षकों ने नियम के मुताबिक मामला उठाया, तब भारतीय सैनिकों ने अचानक चीनी सैनिकों को हिंसात्मक तौर पर प्रहार किया। जिससे दोनों पक्षों के बीच शारीरिक मुठभेड़ हुई।


उनका आरोप है कि भारतीय पक्ष ने सबसे पहले दोनों देशों के बीच संपन्न सिलसिलेवार समझौतों का उल्लंघन किया। 1993 में हस्ताक्षरित चीन-भारतीय सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के क्षेत्र में शांति और शांति बनाए रखने के समझौते के अनुच्छेद 1 तथा 1996 में हस्ताक्षरित चीन-भारत सीमा के वास्तविक नियंत्रण रेखा के क्षेत्र पर सैन्य क्षेत्र में विश्वास-निर्माण उपायों पर समझौते के अनुच्छेद 2 के मुताबिक दोनों पक्षों की वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास गतिविधियों के प्रति स्पष्ट नियम बनाए गये हैं। भारतीय पक्ष ने जो किया है वह उपरोक्त समझौते की भावना से असंगत है।


चीनी राजदूत सुन वेई तुंग ने कहा कि गलवान घाटी में हुई घटना का चीन जिम्मेदार नहीं है। भारतीय पक्ष ने रेखा को पार कर चीनी सैनिकों को प्रहार किया और दोनों देशों के संबंधित समझौते और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मापदंडों का उल्लंघन किया। चीन भारत से घटना की जांच करने तथा जिम्मेदार व्यक्तियों को दंडित करने, अपने सैनिकों को संयम लेकर उत्तेजक कार्यवाही न करने और ऐसी घटनाएं फिर से न होने को सुनिश्चित करने की मांग करता है। 


सुन वेई तुंग ने कहा कि चीन और भारत दोनों पक्षों को मतभेदों को सुव्यवस्थित तौर पर नियंत्रित करने की इच्छा है और वे ऐसे करने के लिए सक्षम भी हैं। वर्तमान में चीन-भारत सीमा की स्थिति आम तौर पर स्थिर और नियंत्रण में है। चीन की आशा है कि भारत भी सकारात्मक कदम उठाएगा और सीमा की स्थितियों को और जटिल बनाने की गतिविधि नहीं करेगा।


Source :Agency news


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