लाॅकडाउन के दौरान के बिल पूरी तरह से माफ किए जाएं
हरिद्वार, 27 जून। लाॅकडाउन के बाद बिजली के भारी भरकम बिल आने से पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग परेशान हैं। कोरोना वायरस के चलते मार्च में किए गए लाॅकडाउन के समाप्त होने के बाद अब विद्युत विभाग द्वारा उपभोक्ताओं को चार महीने के बिल एक मुश्त भेजे जा रहे हैं। कैतवाड़ा निवासी शाहनवाज पीरजी ने बताया कि उन्हें चार महीने का 11 हजार रूपए का बिजली बिल भेजा गया है। सत्तार ने बताया कि उन्हें तेरह हजार सात सौ रूपए तथा नफीस मंसूरी ने बताया कि उन्हें 19 हजार रूपए का भारी भरकम बिल मिला है।
बिलों में ब्याज व अन्य सभी खर्चे जोड़कर भेजे जा रहे हैं। शाहनवाज पीरजी व नफीस मंसूरी ने कहा कि दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार चलाते हैं। लाॅकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरी भी चली गयी। फिलहाल बेरोजगार की स्थिति में भारी भरकम बिलों का भुगतान कैसे करें। पूरा परिवार इसको लेकर मानसिक तनाव में है। उन्होंने कहा कि जनता सरकार से लगातार बिजली बिल माफ करने की मांग कर रही हैं। लेकिन सरकार ने बिल माफ करने के बजाए और अधिक बढ़ाकर बिल भेज दिए हैं।
शाहनवाज पीरजी ने कहा कि आर्थिक रूप से तंगी का सामना कर रहे लोगों की सुध राज्य की त्रिवेंद्र सरकार को लेना चाहिए। लाॅकडाउन की समयावधि में मजदूर वर्ग बेरोजगारी का दंश झेल रहा था। सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपने घरों में ही समय बिताया। लेकिन अब ऊर्जा निगम द्वारा न्यूनतम मीटर रीडिंग से भी ज्यादा के बिल लोगों को थमा दिए गए हैं। जिससे अधिकांश लोग परेशान हैं। मंजूर व नदीम ने बताया कि समझ नहीं आ रहा है कि 12 से 13 हजार रूपए तक के भारी भरकम बिलों का भुगतान कैसे करें।
लाॅकडाउन में पूर्ण रूप से काम धंधे बंद थे। सरकार जनता से बार बार अपने घरों में रहने की अपील कर रही थी। लेकिन सरकार खपत से अधिक बिल भेजकर बेरोजगार मजदूरों की तकलीफों को और बढ़ा रही है। उन्होंने मांग की कि लाॅकडाउन की समयावधि के बिलों को माफ किया जाए।
Source :Agency news
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