लम्बे समय से जूझ रहे प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को योगी आदित्यनाथ सरकार का बड़ा तोहफा


उत्तर प्रदेश कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार से लड़ रहा है। इसी बीच सीएम योगी आदित्यनाथ बुंदेलखंड के हर घर में पानी की व्यवस्था करने के लिए एक नई योजना की शुरुआत करेंगे।


 


पीने के पानी की समस्या से लम्बे समय से जूझ रहे प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को योगी आदित्यनाथ सरकार मंगलवार को बड़ा तोहफा दे रही है। झांसी के मोठ के ग्राम मुराटा में सीएम योगी आदित्यनाथ 2.185 करोड़ रुपया की 12 ग्रामीण पाइप पेयजल योजना के निर्माण कार्य का शुभारम्भ करेंगे। उनके साथ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह तथा राज्यमंत्री मनोहर लाल ‘मन्नू कोरी’ भी रहेंगे। इस योजना का लाभ बुंदेलखंड के झांसी सहित सात जिलों के 3622 राजस्व गांवों की 67 लाख की आबादी को मिलेगा।


 


सूखे के लिए अभिशप्त माने जाते रहे बुंदेलखंड में पेयजल योजनाएं तो बहुत शुरू हुईं, लेकिन तमाम जिले अब भी सूखे की मार झेल रहे हैं। इसी परेशानी को देखते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांदा की रैली से जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने भी राज्य पेजयल योजना के तहत बुंदेलखंड में काम शुरू कराया।


 


इसके साथ ही प्रधानमंत्री के जल जीवन मिशन को जमीन पर उतारने के लिए कसरत शुरू कर दी गई। तय हुआ कि चार चरणों में परियोजनाएं पूरी होंगी, जिनकी कुल अनुमानित लागत 10131 करोड़ रुपये होगी। पहले चरण में बुंदेलखंड के सात जिले झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट में पेयजल पाइप लाइन बिछाई जानी है। इसका लाभ सातों जिलों की 67 लाख आबादी को मिलेगा।


 


उत्तर प्रदेश में हर घर तक नल से जल पहुंचाने के जल जीवन मिशन की शुरुआत उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड क्षेत्र से हो रही है। आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झांसी के मुराटा गांव में भूमिपूजन कर मिशन की नींव रखेंगे। सूखे बुंदेलखंड की प्यास बुझाने के इस बड़े मिशन के शुभारंभ समारोह में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी शामिल होंगे। बुंदेलखंड में मिशन की शुरुआत झांसी, महोबा और ललितपुर से हो रही है।


 


पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बुंदेलखंड का कोई घर प्यासा नहीं रहे और हर घर तक नल का जल पहुंचाया जाए। सर्फेस वॉटर और अंडरग्राउंट वॉटर के माध्यम से घर घर तक पेयजल पहुंचाया जाएगा। पहले चरण में बुंदेलखंड और विंध्याचल में अगले दो साल के भीतर हर घर तक पीने का पानी पहुंचेगा।


 


3622 राजस्व गांवों तक पहुंचेगा पानी


 


बुंदेलखंड क्षेत्र के जिले झांसी, महोबा, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर, बांदा और चित्रकूट के कुल 4513 राजस्व ग्राम हैं, जिनमें से 891 राजस्व ग्राम पहले से ही पेयजल योजनाओं से आच्छादित हैं। शेष 3622 राजस्व गांवों की लगभग 67 लाख आबादी के लिए 479 योजनाओं द्वारा पाइप पेयजल की व्यवस्था की जा रही है।


 


ग्रामीणों से संवाद कर कर फीडबैक भी लेंगे सीएम


 


झांसी के जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि परियोजना की शिला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ झांसी में रखेंगे। सीएम योगी आदित्यनाथ का गौशाला निरीक्षण और पौधरोपण का भी कार्यक्रम है। मेडिकल कॉलेज के नॉन कोविड अस्पताल का निरीक्षण करेंगे। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ग्रामीणों से संवाद कर सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के संबंध में फीडबैक भी लेंगे।


 


ऐसे होगी मिशन की शुरुआत


 


– झांसी : 1627.94 करोड़ की लागत वाली 10 योजनाएं सतही स्रोत (सरफेस वाटर) पर आधारित होंगी।


 


– ललितपुर : 1623.47 करोड़ की लागत वाली 16 सरफेस वाटर रिसोर्स और 12 भूजल (ग्राउंड वाटर) आधारित पाइप पेयजल योजनाएं होंगी।


 


– महोबा : 1219.74 करोड़ की लागत से 364 राजस्व गांवों तक पहुंचाया जाएगा पानी।


 


यूं पूरे होंगे चार चरण


 


– पहला चरण : बुंदेलखंड


 


– दूसरा चरण : विंध्याचल


 


– तीसरा चरण : इंसेफेलाइटिस व जापानी बुखार से पीड़ित क्षेत्र


 


– चौथा चरण : फ्लोराइड और आर्सेनिक ग्रसित गंगा तटीय क्षेत्र


Source :agency news


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