नरेंद्रनगर-शराब ठेके खुल गए तो फिर जिम क्यों नहीं?’ – आर्थिक तंगी झेल रहे जिम मालिकों का सरकार से सवाल


धार्मिक स्थल खुल गए हैं, शॉपिंग मॉल खुल गए हैं. होटल-रेस्टोरेंट खुल गए हैं, शराब ठेके खुल गए हैं लेकिन जिम नहीं खुले. इसी से परेशान जिम मालिक सड़कों पर उतर आए. जिम मालिकों नेतख्तियां, बैनर, पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया.जिम मालिकों ने सरकार से अपील की कि उन्हें भी सशर्त जिम खोलने की इजाजत दी जाए क्योंकि उनका काम धंधा चौपट हो गया है. उनको और स्टाफ को खाने के लाले पड़ गए हैं.


नरेंद्रनगर में कई वर्षो से फिटनेस सेंटर चला रहे जिम संचालक प्रवीन चमोली का कहना है कि जिम के संचालन से उनकी रोजी-रोटी चलती है। लॉकडाउन से जिम बंद होने से आय बंद हो गई है। जिम बंद होने से बिजली बिल, किराया और पूरे स्टाफ का खर्च जेब से भरना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को जल्द से जल्द जिम खोलने की अनुमति देनी चाहिए।


जिम का संचालन बंद है लेकिन हर महीने हॉल का किराए का भार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अनलॉक-वन में कई चीजों को खोल दिया गया है लेकिन जिम पर प्रतिबंध लगाया गया है जो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि जिम संचालकों की उपेक्षा किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


उन्होंने बताया कि सरकार ने आय बढ़ाने के शराब की दुकाने खोल दी लेकिन जिस जिम में जाकर लोग अपनी फिटनेस और सेहत का ध्यान रखते है उन्हें अभी तक बंद किया गया है क्या शराब के सहारे लोग अपनी सेहत का ख्याल रख सकेंगे । सरकार की मंशा सिर्फ पैसै कमाने तक ही सीमित है


ये सवाल उठना लाज़मी भी है कोरोना काल मे इमयूनिटी पावर अगर सही है तो कोरोना को हराना काफी हद तक मुमकिन रहा है ।और जाहिर सी बात है जिम में शरीर की कसरत से इसे बढ़ाया भी जा सकता है ।लेकिन सरकार को जिम से नही बल्कि शराब से पॉवर और आय दोनो बढ़ते दिख रहे है


बरहाल ऐसे में जिम मालिको का विरोध निरंतर जारी है सरकार कब इसपर अपना फैसला सुनाती है ये देखना अभी बाकी है ।फिलहाल ये ही कहा जा सकता है जिम पर शराब भारी है


Source :Through E. Mail


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