राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक कर लिया फीडबैक,आगामी शैक्षणिक सत्र की तैयारिय को लेकर विश्विद्यालयों की क्या है कार्य योजना आप भी जानिए
देहरादून – राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने गुरूवार को राजभवन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ बैठक की। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने विश्वविद्यालयों से उनकी वर्तमान और आगामी सत्रों की कार्ययोजना पूछी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों से वर्तमान सत्र की लंबित परीक्षाओं को कराने की तैयारी के बारे में पूछा। उन्होंने आॅनलाइन शिक्षण,कोर्स पूरा होने की स्थिति,शिक्षक,स्टाफ,विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए कार्ययोजना पर बात की। राज्यपाल ने पंतनगर और भरसार औद्यानिकी विश्वविद्यालयों को ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि,औद्यानिकी और आजीविका के अवसरों पर कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि कोविड -19 के कारण बहुत से प्रवासी गावों में आये हैं। उनको ध्यान में रखते हुए स्किल डेवलेपमेंट के पाठ्यक्रम और कार्यशालाएँ डिजाइन की जायें। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों को मितव्ययिता अपनाने और राज्य सरकार से प्राप्त होने वाली वित्तीय सहायता पर निर्भरता कम करने का सुझाव भी दिया। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने सभी विश्वविद्यालयों को आपस में समन्वय करके आॅनलाइन शिक्षा का एक काॅमन प्लेटफार्म प्रस्तावित करने का निर्देश भी दिया। उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस और 21 जून योग दिवस पर विश्वविद्यालयों को जागरूकता संबंधी आॅनलाइन कार्यक्रम करने के निर्देश भी दिये।
पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. तेज प्रताप ने कहा कि विश्वविद्यालय का अधिकांश कैम्पस, हाॅस्टल क्वारंटीन सेंटर बनाया गया है। इनके खाली होने के उपरांत ही इनकी साफ-सफाई कराकर पुन: उपयोग में लाया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रवेश परीक्षा नहीं लेंगे, मेरिट के आधार पर प्रवेश देंगे। अगस्त माह में अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है।
तकनीकि विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एन.एस.चैधरी ने कहा कि चतुर्थ वर्ष के इंजीनियरिंग की परीक्षाएँ 25 जुलाई के आस पास कराने की पूरी तैयारी है।
कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. एन.के.जोशी ने कहा कि उनके कई महाविद्यालय क्वारंटीन सेंटर हैं। आॅनलाइन माध्यमों का उपयोग करके 75 प्रतिशत कोर्स पूरा कर लिया गया है। फाइनल परीक्षा से पहले विद्यार्थियों को 10 से 12 दिन कोर्स का रिविजन भी कराने की योजना है। कुमाऊँ विश्वविद्यालय में प्रवासियों को ध्यान में रखते हुए स्किल डेवलेपमेंट सेंटर बनाया गया है। और प्रत्येक शिक्षक उसके लिये आॅनलाइन पाठ्यक्रम तैयार करेगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक सेल बना रहे हैं, जहाँ सीनियर स्टूडेण्ट जूनियर कक्षाओं की सहायता करेंगे। उन्होंने अगस्त माह से पहले परीक्षाएँ आयोजित करने में असमर्थता व्यक्त की। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. पी.पी.ध्यानी ने भी संबंद्ध कालेजों के क्वारंटीन सेंटर होने के कारण जुलाई माह के अंत तक ही परीक्षाओं को आयोजित करने की जानकारी दी। उनका 80 प्रतिशत कोर्स भी पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की परीक्षा आॅब्जेक्टिव मोड में ली जायेगी और ओ.एम.आर शीट का प्रयोग होगा। परीक्षा अवधि भी घटाई जायेगी। दून विश्वविद्यालय का प्रभार देख रहे और भरसार औद्यानिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. कर्नाटक ने बताया कि 7 जून तक दून विश्वविद्यालय का कोर्स पूरा हो जायेगा। दून विश्वविद्यालय भी जुलाई के अंत तक परीक्षा करा सकता है। औद्यानिकी विश्वविद्यालय उच्च घनत्व के सेब उत्पादन पर कार्य कर रहा है। इसके साथ ही जैविक खेती, औद्यानिकी के माध्यम से ग्रामीणों की आजीविका पर भी काम कर रहा है।
संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. देवी प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि उनके यहाँ छात्र परिषद ने आॅनलाइन परीक्षाओं और बिना परीक्षा के अगली कक्षा में प्रमोट पर असहमति व्यक्त की है। संस्कृत विश्वविद्यालय 15 जुलाई तक परीक्षाएँ कराने के लिए तैयार है। चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. हेमचन्द्र ने बताया कि उनके तीनों मेडिकल काॅलेज कोविड अस्पताल हैं। उन्होंने बताया कि एम.बी.बी.एस प्रथम वर्ष की परीक्षा सितम्बर और द्वितीय-तृतीय वर्ष की परीक्षा जनवरी 2021 में कराई जा सकती है। उन्होंने बताया कि नर्सिंग-पैरामेडिकल कोर्सेज की परीक्षाएँ सितम्बर-अक्टूबर में कराने की पूरी तैयारी है। 75 फीसदी कोर्स पूरा हो चुका है।
सभी विश्वविद्यालयों द्वारा बताया गया कि 12वीं की परीक्षा और एन.ई.ई.टी, जे.ई.ई जैसी परीक्षाओं के विलंबित होने के कारण प्रवेश प्रक्रिया भी विलंबित होगी। साथ ही बैठक में आयुर्वेद विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने विश्वविद्यालय की गतिविधियों की जानकारी दी।
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