उत्तराखंड के 10 ज़िलों में 25 से 50 किलोवाट तक का लगा सकेंगे सोलर प्लांट, मिलेगी सब्सिडी, त्रिवेंद्र सरकार ने 10 से 15 हजार युवाओं को स्वरोजगार देने का बनाया है लक्ष्य


उत्तराखंड के 10 ज़िलों में 25 से 50 किलोवाट तक का लगा सकेंगे सोलर प्लांट, मिलेगी सब्सिडी, त्रिवेंद्र सरकार ने 10 से 15 हजार युवाओं को स्वरोजगार देने का बनाया है लक्ष्यऊर्जा विभाग को एक हफ्ते में तैयारी करने के निर्देश, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव


10 पर्वतीय जिलों में 25 से 50 किलोवाट तक के प्लांट की मिलेगी मंजूरी


देहरादून । उत्तराखंड सरकार राज्य के 10 पर्वतीय जिलों में 25 से 50 किलोवाट तक के सोलर प्लांट लगाने के लिए भी सब्सिडी देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए ऊर्जा विभाग को एक हफ्ते में तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। फिर प्रस्ताव कैबिनेट में मंजूरी दी जाएगी। ऊर्जा विभाग की सौर ऊर्जा योजना को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से जोड़कर 10 से 15 हजार लोगों को स्वरोजगार देने का लक्ष्य बनाने की तैयारी की जा रही है।मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल सोलर प्लांट योजना के तहत अभी कम से कम 100 किलोवाट तक का प्लांट लगाने का प्रावधान है। मुख्यमंत्री और सहकारिता मंत्री की पहल पर इस योजना के मानकों में बदलाव किए जा रहे हैं। बृहस्पतिवार को शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक व सहकारिता राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने ऊर्जा विभाग, उद्योग विभाग, वैकल्पिक ऊर्जा एवं सहकारी बैंक के अधिकारियों के साथ इस संभावना पर मंथन किया।


विचार-विमर्श में सभी विभागों के अधिकारियों ने योजना की सफलता को लेकर उत्साह दिखाया। कौशिक ने कहा कि 25 से 50 किलोवाट तक के सोलर ऊर्जा के संयंत्र स्थापित कर प्रदेश के 10 से 15 हजार युवाओं को स्वरोजगार देने का लक्ष्य बनाया गया है। उन्होंने अधिकारियों को शीघ्र प्रस्ताव तैयार करने को कहा।


सहकारी बैंक देगा लोन : धनसिंह


राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ.धन सिंह रावत ने कहा कि सोलर ऊर्जा के संयंत्र को स्थापित कर 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह की आय प्राप्त की जा सकती है। इस योजना को सफल बनाने के लिए राज्य सहकारी बैंक 25 किलोवाट तक की परियोजना के लिए 20 लाख तक का ऋण 15 वर्षों के लिए देने को तैयार है। ताकि लाभार्थी बैंक की किस्तों को आसानी से चुका सकें।


सौर ऊर्जा प्लांट की क्षमता घटाने से होगी आसानी


सौर ऊर्जा योजना में 25 से 50 किलोवाट के प्लांट लगाने की मंजूरी मिलने से ज्यादा लोग इससे जुड़ सकेंगे। प्लांट की लागत भी कम हो जाएगी। कम लागत के प्लांट के लिए बैंक से लोन मिलने में भी आसानी रहेगी। सहकारी बैंक से लोन लेकर प्लांट लगाकर बहुत सारे युवा आत्मनिर्भर बन सकेंगे। अभी 100 किलोवाट तक के प्लांट की मंजूरी है। इस क्षमता के प्लांट को लगाने के लिए बहुत अधिक धनराशि की जरूरत होती है। इतनी अधिक लागत के प्लांट के लिए बैंक भी लोन देने में हीलाहवाली करते हैं।


बृहस्पतिवार को हुई बैठक में प्रमुख सचिव उद्योग मनीषा पंवार, सचिव ऊर्जा राधिका झा, अपर सचिव ऊर्जा कै. आलोक शेखर तिवारी, उत्तराखंड पॉवर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा, राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक बीएम मिश्रा, मुख्य परियोजना अधिकारी उरेड़ा अरुण कुमार त्यागी, निदेशक उद्योग एससी नौटियाल, निदेशक ऑपरेशन यूपीसीएल अतुल कुमार अग्रवाल, उपनिदेशक अनुपम द्विवेदी एवं अरुण प्रताप सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे।


Source :News agency


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