विशेष : उत्तराखंड और बाहर से आने-जाने और रहने के लिए इन नए नियमों को जानना है बेहद जरूरी।
उत्तराखंड में लॉक डाउन-5 के बाद अब 8 जून से अनलॉक वन शुरू होने रहा है।
काफी हद तक लॉक डाउन खुल चुका है तो संक्रमित की संख्या भी 1000 पार कर गई है। एक ओर डर कम हो गया है तो दूसरी ओर संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में इन नए नियमों को जाने बिना आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
प्रदेश में अब नौ राज्यों के चिन्हित 75 शहरों से आने वाले लोगों को 21 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन रहना पड़ेगा 7 दिन इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन और 14 दिन होम क्वॉरेंटाइन में। यह नौ राज्य हैं तमिलनाडु, तेलंगाना, कोलकाता, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश। इन 75 शहरों की लिस्ट लेख के अंत में दी गई है
लोग अपनी इच्छा अनुसार अपने खर्चे पर या सरकारी खर्चे पर क्वॉरेंटाइन में रह सकते हैं।
राज्य के अंदर आवागमन विशेष : राज्य और बाहर से आने-जाने और रहने के लिए इन नए नियमों को जानना है बेहद जरूरी
राज्य के अंदर वर्तमान में एकमात्र रेड जोन वाले जिले नैनीताल से दूसरे जोन में आने जाने के लिए पास जरूरी होगा, किंतु दूसरे जोन वाले जिलों में आने जाने के लिए पास की जरूरत नहीं है, केवल देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। रजिस्ट्रेशन का स्क्रीनशॉट अपने मोबाइल पर रखना चाहिए
यह तो रही राज्य से आने और राज्य के अंदर आने जाने की बात अब इन बातों पर आते हैं जहां पर कन्फ्यूजन थोड़ा ज्यादा है।
रेड जोन में जाने के लिए पास की जरूरत होगी और बॉर्डर पर स्क्रीनिंग होगी। यदि कोई लक्षण पाए जाते हैं तभी क्वॉरेंटाइन किया जाएगा वरना क्वॉरेंटाइन नहीं किया जाएगा।
गाड़ियों के मामले में दो पहिया वाहन पर अभी भी केवल एक ही सवारी अनुमन्य है फोर व्हीलर पर दो लोगों को अनुमति है और सेवन सीटर गाड़ी में ड्राइवर सहित चार लोगों को अनुमति है।
गढ़वाल से कुमाऊं जाने के लिए बीच में पड़ने वाले उत्तर प्रदेश के इलाके के लिए सरकार की बिजनौर प्रशासन से बात हुई है उसमें केवल रजिस्ट्रेशन दिखाने पर ही आने जाने दिया जाएगा पास की जरूरत नहीं होगी।
बाहर से दो तरह के लोग
दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने वाले लोग दो तरह के हैं। एक उत्तराखंड के लोग और दूसरा दूसरे राज्यों के लोग सभी तरह के लोगों के लिए पास होना अनिवार्य है। बॉर्डर पर उत्तराखंड के लोग उत्तराखंड आने के लिए स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पास बना सकते हैं। संभव है कि यह तत्काल बन जाए बिना पास के एंट्री किसी के लिए भी संभव नहीं है ।
दूसरे राज्यों से उत्तराखंड आने पर 14 दिन का क्वारंटाइन जरूरी है। रेड जोन से आने पर 7 दिन का इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन और 14 दिन का होम क्वॉरेंटाइन अर्थात कुल 21 दिन का क्वॉरेंटाइन करना होगा और ग्रीन जोन से आने पर 14 दिन का होम क्वॉरेंटाइन में रहना होगा।
किसी भी तरह के लक्षण होने पर इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन में जाना पड़ेगा। ट्रेन अथवा हवाई जहाज से आने वालों के लिए भी यही नियम है बस हवाई जहाज मालूम को सात सात दिन का इंस्टीट्यूशनल और होम क्वॉरेंटाइन बिताना पड़ेगा।
यदि कोई उत्तराखंड का रहने वाला है और अपना रोजगार करने के लिए आना चाहता है, तब भी क्वॉरेंटाइन के लिए वही नियम लागू होंगे।
शादी समारोह में अनुमति के बाद ही 50 लोगों को शामिल होने की अनुमति होगी।
पहले कहीं और क्वारंटाइन रह चुके तो
यदि कोई दूसरे राज्यों से आकर उत्तराखंड में ही किसी जगह पर हफ्ते भर या जितने दिन क्वॉरेंटाइन में रह चुका है, उसका सर्टिफिकेट दिखाने पर उसे अपने घर में रहने के लिए पहले के क्वॉरेंटाइन समय को घटा दिया जाएगा।
जो लोग दूसरे राज्यों में रह गए हैं उनके लिए यह जानकारी है कि एक जून से ट्रेनें खुल गई है। वह जनशताब्दी जैसे वाहन से दिल्ली से देहरादून आराम से आ सकते हैं, लेकिन होम क्वॉरेंटाइन और पास के नियम वही लागू होंगे।
पर्यटन की दृष्टि से आने वाले लोगों के लिए अभी पास नहीं बनाए जा रहे हैं, उनके लिए जल्दी ही गाइडलाइन आएगी।
चार धाम यात्रा 8 तारीख से शुरू की जा रही है, लेकिन उसके लिए भी उत्तराखंड आने के लिए गाइडलाइन का इंतजार है।
इंडो नेपाल बॉर्डर खुल गए हैं अब आराम से आ जा सकते हैं बनबसा से आ जा सकते हैं।
अब पार्क अथवा इस स्टेडियम में बात करने अथवा रनिंग के लिए जा सकते हैं लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
राज्य से बाहर से एक दो दिन के लिए छूठ
राज्य के अंदर राजकीय कार्यों से आने जाने के लिए क्वॉरेंटाइन की आवश्यकता नहीं है। राज्य के बाहर से तकनीकी या बिजनेस या निश्चित कार्यों के लिए एक-दो दिन के लिए आने वाले व्यक्ति को भी क्वॉरेंटाइन नहीं किया जाएगा, बशर्ते वह सिर्फ उसी काम को करने के बाद वापस चला जाए।
मेडिकल इमरजेंसी में करंट टाइम नहीं होना पड़ेगा इस के लिए सरकार ने रिलैक्सेशन दिया है। यदि कोई इलाज के लिए राज्य से बाहर जाना चाहता है तो बाहर जाने के लिए पास की आवश्यकता तो नहीं है लेकिन वापस आने के लिए पास बनाना होगा।
दो राज्यों के बॉर्डर पर रहने वाले लोग जिनके खेत दूसरे राज्य की सीमा में पढ़ते हैं और फिर खुद दूसरे राज्य की सीमा में रहते हैं ऐसे लोगों के लिए स्थानीय प्रशासन ने पास जारी किए हुए हैं इसमें कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए।
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