बैंक से 32 लाख की धोखाधड़ी करने वाला गिरफ्तार। 2019 में जमानत पर छूटा था


देहरादून। फर्जी कागजातों के आधार पर भारी-भरकम धनराशि का लोन लेने के आरोप में एक व्यक्ति को दून पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके खिलाफ छह मुकदमे दर्ज थे।


पुलिस के अनुसार वर्ष 2012 में स्टेट बैंक ऑफ पटियाला (वर्तमान में भारतीय स्टेट बैंक) शाखा जीएमएस रोड देहरादून से कार ऋण लेने हेतु फर्जी दस्तावेज बैंक में जमा कर लाखों रुपए की धोखाधड़ी करने के अलग-अलग प्रकरण में छह मुकदमें माह नवम्बर 2019 में थाना बसंत विहार पर दर्ज हुए।


जांच में पता चला कि शुभ प्रीमियर, धर्मपुर, देहरादून से फर्जी कोटेशन तैयार कर के.वाई.सी. फॉर्म के साथ अन्य कूटरचित दस्तावेज बैंक में जमा कर 6 कार ऋण क्रमश: जिसमें रुपए 560120/-, रु. 400000/-, रु. 560120/-, रु. 614815/-, रु. 560120/-, रु. 500000/- प्राप्त कर कुल रु 3195175/- रु. की धनराशि को हड़प लिया गया है।


प्रकरण में 2 अभियुक्त कृपाल सिंह पुत्र जबर सिंह निवासी दीपनगर कालोनी, देहरादून तथा प्रदीप सकलानी(३६) पुत्र भूदेव सकलानी निवासी टिहरी गढ़वाल की मुख्य भूमिका प्रकाश में आई, जिनके द्वारा विभिन्न व्यक्तियों को कार दिलाने के नाम पर कार की फर्जी कोटेशन व दस्तावेज बैंक में प्रस्तुत कर कार ऋण को प्राप्त किया गया तथा कोई भी कार विक्रय नहीं की गई।


अभियुक्त कृपाल सिंह को माह फरवरी 2020 में गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया तथा अभियुक्त प्रदीप सकलानी फरार चल रहा था और उसकी गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे थे।


अभियुक्त प्रदीप सकलानी इसी प्रकार की धोखाधड़ी में थाना नेहरू कालोनी से भी वर्ष 2017 में डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमों में जेल गया था तथा वर्ष 2019 में जमानत पर छूटने के बाद फरार चल रहा था।


फरार अभियुक्त की गिरफ्तारी हेतु पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के आदेशानुसार पुलिस अधीक्षक नगर एवं क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम के निर्देशन व पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष बसंत विहार के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम द्वारा प्रभावी सुरागरसी-पतारसी व सर्विलांस प्रणाली की मदद से लगभग 9 माह से फरार चल रहे शातिर अभियुक्त प्रदीप सकलानी को दीपनगर कालोनी, थाना नेहरू कालोनी से गिरफ्तार कर लिया गया है। अभियुक्त को न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।


Source :Agency news 


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