बम बोले के जयघोष से गुंजने वाली धर्मनगरी में महाशिवरात्रि पर छाया रहा सन्नाटा
हरिद्वार/ महाशिवरात्रि व सोमवती अमावस्या के पर्व पर रोक लगाए जाने व रविवार के लाॅकडाउन के चलते हरकी पैड़ी सहित विभिन्न घाटों पर सन्नाटा पसरा रहा। बम बोले के जयघोष से गुंजने वाली धर्मनगरी में महाशिवरात्रि पर छाया रहा सन्नाटा छाया रहा। मंदिरों में घंटे घड़ियालों की गुंज नहीं सुनाई दी। लाॅकडाउन के चलते पंचपुरी के सभी बाजार बंद रहे जिससे सड़कों पर सुनसानी छायी रही। सावन की शिवरात्रि पर धर्मनगरी के घाटों पर हमेशा दिखाई देने वाला लाखों श्रद्धालुओं का जमावड़ा इस बार कहीं नजर नहीं आया। हरकी पैड़ी सहित तमाम घाटों व शिवालयों में सन्नाटा छाया रहा।
सीमाएं सील होने व पुलिस की सख्ती के चलते बाहरी श्रद्धालु धर्मनगरी नहीं पहुंचे। बिल्केश्वर महोदव, दक्षेश्वर महादेव जैसे पौराणिक शिवालयों में भी सन्नाटा रहा। बेहद सीमित संख्या में स्थानीय श्रद्धालु ही जलाभिषेक के लिए मंदिरों में पहुंचे। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए सख्त प्रतिबंधों का असर सोमवती अमावस्या पर होने वाले स्नान पर भी पड़ना तय है। सोमवती अमावस्या पर होने वाले गंगा स्नान पर हमेशा ही हरिद्वारा में लाखों की भीड़ जुटती रही है। पूरे देश से श्रद्धालु सोमवती अमावस्या का स्नान करने के लिए हरिद्वार पहुंचते हैं। स्नान के एक दिन पूर्व ही श्रद्धालुओं की भीड़ हरिद्वार में जुटने लगती है। लेकिन कोरोना के चलते सरकार ने कांवड़ यात्रा प्रतिबंधित करने के बाद सोमवती अमावस्या पर भीड़ ना जुटे इसके लिए सीमाएं सील रखने का फैसला किया है। कोरोना के खतरे को देखते हुए भीड़ जुटने से रोकने के लिए हरकी पैड़ी सहित सभी घाटों पर पुलिस का सख्त पहरा बैठाया गया है।
बड़े स्तर पर होने वाले कांवड़ मेले व सोमवती अमावस्या जैसे लक्खी स्नान पर्वो पर हरिद्वार में भारी व्यापार होता है। लेकिन कांवड़ मेले के बाद सोमवती अमावस्या स्नान पर प्रतिबंध लगाए जाने से व्यापारी निराश हैं। व्यापारी नेता आदेश मारवाड़ी ने कहा कि व्यापारी सरकार के सभी निर्देशों का पालन कर रहे हैं। कोरोना वायरस के चलते किए गए लाॅकडाउन के चलते व्यापारी पूरी तरह टूट चुका है। व्यापारियों को उम्मीद थी कि कांवड़ मेले में मंदी से कुछ उबर पाएंगे। लेकिन कांवड़ के बाद सोमवती अमावस्या स्नान पर भी प्रतिबंध लगने से निराशा और बढ़ गयी है। आदेश मारवाड़ी ने कहा कि व्यापार नहीं होने की सूरत में सरकार को बिजली, पानी के बिल, स्कूल फीस व अन्य करों को माफ कर व्यापारियों को राहत देनी चाहिए।
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