कोविड मरीजों को बेहतर सुविधा देने हेतु व्यवस्थाये और पुख्ता की जाय-मुख्यमंत्री, उ0प्र0


वाराणसी / उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सेंट्रल हाल सभागार में रविवार को अपने एक दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान वाराणसी मण्डल के जनपदों में कोविड वैश्विक महामारी के संक्रमण एवं इससे बचाव के साथ ही कोविड मरीजों के इलाज हेतु किये जा रहे कार्यो की विस्तार से समीक्षा की। 


योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन 35000 टेस्ट आरटीपीसीआर से, लगभग 3000 टेस्ट ट्रोनेट से तथा 40000 टेस्ट एंटीजन कीट से हो रहे हैं। उन्होंने संक्रमित व्यक्ति की पहचान कर तत्काल उसे अस्पताल या आइसोलेशन आदि में आइसोलेट कर चिकित्सा सुविधा देने पर जोर दिया। मंडल के सभी जनपदों में एल-1 व एल-2 अस्पताल विकसित हो। जिनमें ऑक्सीजन व वेंटीलेटर की समुचित व्यवस्था रहे। ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था 48 घंटे बफर में रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों में स्वच्छता पहला मानक हो। अस्पताल में बेडशीट बदलने, समय पर खाना, डॉक्टर का राउंड, शौचालय साफ़, समय से दवाई, ऑक्सीजन चेकअप आदि कार्य हो। मरीज के लिए प्रतिदिन 100 रुपये खाने का तथा डॉक्टरों के क्वारंटाइन में रहने के लिए 500 रुपये प्रतिदिन उनके खाने आदि पर व्यय का प्रावधान है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि कोविड अस्पतालो में एक सामूहिक स्थान चयन कर वहां टीवी लगवाएं, ताकि मरीज न्यूज़ आदि देख सकें। इसके साथ ही उन्होंने कोविड अस्पतालों में न्यूज़पेपर भी रखवाये जाने का निर्देश दिया। इससे सकारात्मक उर्जा बढ़ेगी। मरीजों में विश्वास बढ़ेगा और इससे मरीजों को ठीक होने की दर भी बड़ेगी।


मुख्यमंत्री ने कांटेक्ट ट्रेसिंग व डोर टू डोर सर्वे पर विशेष जोर देते हुए इसे सफलता से चलाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सर्विलांस सही इंसेफ्लाइट जैसी घातक बीमारी में 90 फ़ीसदी कमी आयी हैं। जहां पूर्वी उत्तर प्रदेश इंसेफेलाइटिस में 1300 से 1500 के बीच मौतें होती थी, वही अब मात्र 120-130 मृत्यु होती है। 05 से 15 जुलाई के दौरान डोर टू डोर सर्वे में जिन लोगों को चिन्हित किया गया है उन सभी का तत्काल सेम्प्लीग करा लिया जाए। हर जिले में हजारों की संख्या में एंटीजन किट दी गई है, उनसे जांच किया जाए। सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राइवेट अस्पताल आदि स्थलों पर बूथ बनाकर संदिग्ध व्यक्तियों का व्यापक एंटीजन टेस्ट करें। कोविड के संक्रमण को रोकना है। बनारस के 90 वार्डों में प्रत्येक में दो-दो टीम लगाएं और डोर टू डोर सर्वे कराकर संदिग्ध मिलने वाले लोगों का रैपिड टेस्ट कराएं। इससे जल्द मरीज की पहचान होगी और उसे चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराया जा सकेगा। इससे मृत्यु दर में भी कमी आएंगी। इस महामारी में स्वास्थ्य महकमे के लिए अवसर है कि वह मरीजों की बेहतर से बेहतर सेवाकर अपने को साबित करें। लोगों में विश्वास बढ़े की सरकारी अस्पताल में अच्छा कार्य होता है। नान कोविड व कोविड अलग-अलग बिल्डिंग में हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीएचयू में अन्य रोगों के इलाज हेतु भी ओपीडी चालू किए जाने पर विशेष जोर दिया। होम आइसोलेशन की शर्तों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएं। डेड बॉडी का डिस्पोजल कोविड प्रोटोकॉल के तहत हो। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि किसी भी मरीज को अस्पताल में इलाज प्राप्त करने के दौरान इंतजार न करना पड़े। इस पर विशेष ध्यान रखा जाए और शिकायत मिलने पर जिम्मेदारी तय होगी। प्राइवेट नर्सिंग होम से जो केस ररेफर होकर आते हैं, उसकी केस हिस्ट्री भी साथ भेजी जाए। कंटेनमेंट जोन की एरिया स्थानीय स्तर पर परिस्थिति के अनुसार जिला प्रशासन तय कर सकता है और वहां कॉविड नियमों का कड़ाई से पालन कराए। स्वास्थ्य टीम डोर टू डोर, सर्विलांस के दौरान जनता से सीधा संवाद भी करें और उन्हें जागरूक करें। शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉकडाउन के दौरान व्यापक स्तर पर स्वच्छता व सैनिटाइजेशन का कार्य अभियान के अवसर पर चलाया जाए। स्वच्छ पेयजल के प्रति निगरानी रखें।


        मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेलों में संक्रमण नहीं फैली इसके लिए अस्थाई जेल बनाएं। जहां पहले नए कैदी को कुछ समय रखा जाए। फ़ोर्स व पुलिसकर्मियों को संक्रमण से बचाव की कार्यवाही हो। छुट्टी से वापस आने वालों का चेकअप हो। कोविड-19 का उल्लंघन करने वालों के प्रति सख्ती से इंफोर्समेंट करें। दो गज की दूरी मास्क जरूरी। प्रधानमंत्री की गरीब कल्याण योजना में नवंबर तक निशुल्क खाद्यान्न की व्यवस्था है। पात्रों को खाद्यान्न मुहैया हो सके इसके पर्यवेक्षण के लिए लोकल स्तर पर अधिकारियों की तैनाती की जाय। आत्मनिर्भर भारत में प्रवासी व निवासी दोनों को कार्य मिले। मनरेगा में प्रदेश में रिकॉर्ड कार्य हुआ है। 65 लाख मानव दिवस एक-एक दिन में सृजित हुए। स्ट्रीट वेंडर के लिए 10 हजार ऋण की योजना से वेंडरों को लाभ दिलाएं। कंटेनमेंट जोन में होमगार्ड, पीआरडी जवान, सिविल डिफेंस व एनसीसी के लोगों का उपयोग करें, ताकि सिविल पुलिस अपराध नियंत्रण कार्य में अधिक समय दे सके। पेड हॉस्पिटलों को चेक करें, मनमाना नहीं होने पाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बनारस महत्वपूर्ण कमिश्नरी है, यहां पर सभी की निगाहें रहती हैं। बेहतर से बेहतर व्यवस्था दे। मुख्यमंत्री ने कांट्रेक्ट ट्रेसिंग व डोर टू डोर सर्वे कर संदिग्धों की जांच पर विशेष जोर दिया। यह कोविड कंट्रोल का बड़ा व महत्वपूर्ण तरीका साबित होगा। बीएचयू व जिला प्रशासन आपसी समन्वय से काम करें। श्री योगी ने कहा कि प्रदेश में 40 लाख प्रवासी आये, जिसमें 23 लाख रेलवे के सहयोग से सभी को अपने घर पहुंचाए गए।


        बैठक में वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर एवं चंदौली के जिलाधिकारियों ने पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से अपने जिलों में कोविड वैश्विक महामारी के संक्रमण एवं उससे बचाव तथा मरीजों के बेहतर से बेहतर इलाज के बाबत किए गए व्यवस्थाओं एवं कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया। बनारस में 892 कोविड हेल्प डेस्क स्थापित है। कोविड-19 का उल्लंघन करने पर 13 जुलाई से 25 जुलाई तक 62 लाख रुपया जुर्माना वसूला गया है। जौनपुर में ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड के केस ज्यादा मिले। जिसका कारण महाराष्ट्र से आए प्रवासी बताया गया। जौनपुर में 675 किस प्रवासी के हैं।


        बैठक में उत्तर प्रदेश के के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिल राजभर, पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉक्टर नीलकंठ तिवारी, स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, एडीजी, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, आईजी विजय सिंह मीणा, जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा, एसएसपी वाराणसी अमित पाठक सहित जौनपुर, गाजीपुर एवं चंदौली के जिलाधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।


Source :Agency news 


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