मंगल शाम तक पायलट समर्थक विधायकों पर कार्रवाई नहीं
जयपुर / राजस्थान हाइकोर्ट में सचिन पायलट और कांग्रेस के 18 अन्य विधायकों की विधानसभा अध्यक्ष के उन्हें अयोग्य घोषित किए गए नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई। हाइकोर्ट अब इस मामले की सुनवाई अब 20 जुलाई यानी सोमवार को करेगी। हाइकोर्ट ने 21 जुलाई शाम 5:30 बजे तक रोक लगा रखी है, तब तक विधानसभा के स्पीकर विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई न कर सकेंगे। राजस्थान में सचिन पायलट समेत उनके 19 समर्थित विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस देने का मामला गुरुवार को हाई कोर्ट पहुंचा था।
इस बीच राजस्थान में कथित ‘टेप कांड’ पर राजनैतिक घमासान और तेज हो गया। विधायकों की खरीद-बिक्री और अशोक गहलोत गिराने के प्रयासों को ले सार्वजनिक आडियो टेप मामले में राजस्थान स्पेशल आॅपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्य में कांग्रेस के बागी विधायक भंवरलाल शर्मा व होटल व्यवसाई संजय जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इनके खिलाफ राजद्रोह और क्रय-विक्रय के प्रावधानों में मामला दर्ज किया है।
मंगलवार शाम 5:30 बजे तक विधानसभा अध्यक्ष नहीं कर सकते कार्रवाई
शुक्रवार को चली सुनवाई के बाद राजस्थान हाइकोर्ट में विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील प्रतीक कासलीवाल ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष सुनवाई जो आज होने वाली थी, उसे अब मंगलवार शाम 5:30 बजे तक टाल दी गई है। तब तक विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
कमल नाथ का भाजपा पर निशाना
राजस्थान में जारी सियासी संग्राम पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने कहा कि मुझे कोई चिंता नहीं है। मुझे पता था कि कुछ लोग हैं जो छोड़ देंगे, इसलिए वे चले गए। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। इसके साथ ही भाजपा पर निशाना साधते हुए कमल नाथ ने कहा कि वे (भाजपा) विधायकों को बुला रहे हैं और उन्हें पैसे और अलग-अलग पोस्ट दे रहे हैं। भाजपा वहां (राजस्थान) में भी सौदा कर रही है। संविधान का कोई मतलब नहीं रहा, बस बोली बोलो और राजनीति करो।
शुक्रवार को हाइकोर्ट में हुई बहस के बाद अब इस मामले की सुनवाई 20 जुलाई यानी सोमवार को होगी। 21 जुलाई तक हाइकोर्ट ने रोक लगा रखी है, तब तक विधानसभा स्पीकर कोई कार्यवाई नहीं कर सकेंगे। अदालत की सुनवाई के दौरान कोर्ट में ऑडियो टेप मामले में दर्ज की गई 2 एफआइआर पर भी चर्चा हुई। पायलट और बागी विधायकों का पक्ष रख रहे हरीश साल्वे ने कहा कि देखिए अब किस तरह FIR लिखी जा रही हैं।
पायलट और 18 बागी विधायकों को 5 बजे तक का समय
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष ने पायलट और 18 बागी विधायकों को जवाब देने के लिए शुक्रवार शाम 5 बजे तक का समय दिया था। कांग्रेस ने पायलट और 18 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग उठाई है ।राजस्थान हाइकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई में कांग्रेस के असंतुष्ट विधायकों के वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि सदन के बाहर के कानून,दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन नहीं हैं। हरीश साल्वे,पायलट और 18 बागी विधायकों की ओर से कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। हाइकोर्ट ने महेश जोशी की अपील को माना है। हाइकोर्ट में सुनवाई में राजस्थान HC ने कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी की याचिका मामले में प्रतिवादी रूप में शामिल होने की अनुमति दी थी। वे कोर्ट में कांग्रेस का पक्ष रख रहे थे।
भाजपा ने कांग्रेस के सभी आरोप बताये झूठे
भाजपा नेता संबित पात्रा ने राजस्थान में कांग्रेस द्वारा भाजपा नेताओं के खिलाफ लगाए जा रहे सभी आरोपों को खारिज करते हुए उसे आधारहीन बताया है। संबित पात्रा ने कहा है कि दरअसल, कांग्रेस निराश है क्योंकि वह अपनी पार्टी को ठीक से नहीं रख पाई। वह एक बनाए गए ऑडियो क्लिप का उपयोग करके अपनी विफलताओं के लिए भाजपा को दोष देना चाहते हैं।
एसओजी की जांच में पता चलेगा सच-महेश जोशी
कांग्रेस के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा है कि एफआईआर (FIR) में भंवर लाल शर्मा,गजेंद्र सिंह और संजय जैन का नाम लिया गया है। मैंने केवल गजेंद्र सिंह का उल्लेख किया है लोग अनुमान लगा रहे हैं,विशेष ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) जांच में इसका पता लगाएगी।
ऑडियो टेप मामले में 2 एफआइआर
स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (एसओजी) के एडीजी अशोक राठौर ने कहा है कि कथित ऑडियो टेप मामले में महेश जोशी (कांग्रेस नेता) की ओर से दो शिकायतें दी गई हैं,यह उस ऑडियो के संबंध में है जो कल वायरल हुआ था। हमने धारा 124ए और 120बी में 2 एफआईआर की हैं। क्लिप की सत्यता और प्रमाणिकता जांची जाएगी। संजय जैन से कल पूछताछ की गई थी,उन्हें आज भी बुलाया गया था। हम उनसे कुछ तथ्यों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
CM आवास फर्जी ऑडियो जारी करने का केन्द्र बना-पूनिया
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान की जनता शर्मसार है कि मुख्यमंत्री निवास फर्जी ऑडियो जारी करने का केन्द्र बन गया है,नेताओं का चरित्र हनन किया जा रहा है। कुर्सी बचाने के लिए केंद्रीय मंत्रियों का नाम इस मामले में घसीटा जा रहा है।
ऑडियो टेप में मेरी आवाज नहीं-
राजस्थान में सियासी घमासान और तेज हो गया है। टेप कांड में नाम सामने आने के बाद केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि मैं किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हूं। वायरल ऑडियो टेप में मेरी आवाज नहीं है।
दो विद्रोही कांग्रेसी विधायक निलंबित
कांग्रेस ने आज दो बागी विधायकों को पार्टी से निलंबित कर दिया। कांग्रेस की ओर से विधायक भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करने को लेकर बयान जारी किया गया है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को गिराने की साजिश में उनके आचरण की व्याख्या करने के लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
कांग्रेस ने दर्ज की थी शिकायत
राज्य विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक डॉक्टर महेश जोशी ने सरकार गिराने की साजिश और राजद्रोह की धाराओं में एसओजी में शिकायत की है । जोशी ने राज्य एसओजी में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस के बागी विधायक भंवर लाल शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के साथ इन्हे गिरफ्तार करने की मांग की। इस मामले में व्यवसाययी संजय जैन को गुरूवार आधी रात बाद जयपुर में गिरफ्तार किया गया। सूत्रों के अनुसार एसओजी शेखावत व शमा्र के खिलाफ शीघ्र ही एफआईआर दर्ज करेगी।
भाजपा का सरकार गिराने का बड़ा षड्यंत्र- सुरजेवाला
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी राजस्थान की सरकार गिराने की कोशिश की है। इसके कुछ ऑडियो भी सामने आ रहे हैं, जिसमें राजस्थान के कांग्रेस विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है। इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस नेता भंवरलाल शर्मा और बीजेपी नेता संजय जैन की बातचीत से जुड़े कई खुलासे किए।
कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने बताया कि कल मीडिया ने चौंकाने वाले ऑडियो टेप दिखाए,जिसमें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत,होटल व्यवसाई संजय जैन और कांग्रेस विधायक भंवर लाल शर्मा ने विधायकों को रिश्वत देने और राजस्थान सरकार गिराने बात कही। रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पूरे षड्यंत्र में शामिल हैं। उन पर तुरंत FIR दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी होनी चाहिए। सुरजेवाला ने बताया कि ऑडियो टेप की बातचीत सामने आने के बाद कांग्रेस ने विधायक भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है।
सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट को सामने आकर इस सच्चाई को उजागर करना चाहिए और विधायकों की लिस्ट जारी करनी चाहिए।
5 साथियों ने छोड़ा पायलट का साथ
राजस्थान में 6 दिनों से जारी राजनीतिक भूचाल के बीच सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच रस्साकशी जारी है। इस बीच पायलट खेमे में हलचल की खबर है। पायलट के 5 खास साथियों ने उनका साथ छोड़ दिया है। तीन दिन पहले तक अपने साथ 30 विधायकों का समर्थन होने का दावा कर रहे पायलट के पास अब सिर्फ 25 विधायक ही बचे हैं। शपायलट का साथ छोड़ने वालों में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास,विधायक दानिश अबरार,चेतन डूडी ,रोहित बोहरा व प्रशांत बैरवा शामिल है । ये सभी वे नेता हैं जो पिछले साढ़े छह साल से पायलट के साथ काम कर रहे थे ।
पायलट के सामने होगी चुनौती
आज सचिन पायलट के लिए परेशानी यह है कि यदि हाई कोर्ट की खंडपीठ का निर्णय आने से पहले 19 विधायकों के जवाब से असंतुष्ट होकर सदस्यता रद करने का आदेश विधानसभा अध्यक्ष दे देते हैं तो मामला पेचीदा हो जाएगा। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि फिर पायलट को सुप्रीम कोर्ट जाना होगा।
गुरुवार की सुनवाई में क्या हुआ ?
राजस्थान में पिछले काफी दिनों से जारी सियासी रार में अब कोर्ट में एक बड़ी कानूनी लड़ाई की तैयारी है। इस मामले में दोनों तरफ से दिग्गज वकील भी आमने-सामने हैं। सचिन की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे व मुकुल रोहतगी ने नोटिस को चुनौती दी है जबकि दूसरे पक्ष की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की। यह सुनवाई ऑनलाइन हुई।
नोटिस पूरी तरह असंवैधानिक-हरीश साल्वे
राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच गुरुवार सुबह पायलट की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे व मुकुल रोहतगी ने हाई कोर्ट में विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस को चुनौती दी। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान ही व्हिप मान्य होता है। विधानसभा सत्र के अलावा व्हिप मान्य नहीं होता है। ऐसे में नोटिस देना या सदस्यता रद करने की मांग करना गलत है।
साल्वे ने कहा कि सदन के बाहर हुई कार्यवाही के लिए स्पीकर नोटिस जारी नहीं कर सकते। नोटिस की संवैधानिकता नहीं है। उन्होंने दो जजों की बेंच(डबल बेंच) गठित करने की मांग की। इससे पहले मामले की सुनवाई जस्टिस सतीश कुमार शर्मा की बेंच में हुई। कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही हरीश साल्वे ने संशोधित याचिका पेश करने का समय मांगा। इस पर कोर्ट ने उन्हें समय दिया।
गुरुवार दोपहर बाद 4:15 बजे फिर सुनवाई हुई। संशोधित याचिका पर हरीश साल्वे और विधानसभा अध्यक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी के बीच बहस हुई। सिंघवी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि बिना आधार के याचिका को कैसे स्वीकार किया जा सकता है। राज्य के महाधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी याचिका का विरोध किया। मुख्य सचेतक की ओर से वकील अजीत भंडारी ने पक्ष रखा। सरकार की ओर से केवियट भी पेश की गई। सरकार की तरफ से कहा गया कि यह मामला संविधान से जुड़ा होने के कारण इसमें दो जजों की खंडपीठ(डबल बेंच) गठित की जाए। इस पर मुख्य न्यायाधीश महांती व जस्टिस गुप्ता की खंडपीठ बनाई गई। देर शाम 7:40 बजे खंडपीठ बैठी और मामले की सुनवाई के लिए शुक्रवार दोपहर एक बजे का समय दिया गया।
क्या है मामला ?
सरकारी मुख्य सचेतक डॉक्टर महेश जोशी ने तीन दिन पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि पायलट सहित 19 विधायक पार्टी द्वारा व्हिप जारी करने के बावजूद लगातार दो बार विधायक दल की बैठक में नहीं आए, इसलिए उनकी सदस्यता निरस्त की जाए। याचिका में कहा गया कि नियम के अनुसार व्हिप का उल्लंघन करने वाले किसी भी पार्टी के विधायक की सदन से सदस्यता समाप्त हो जाती है। इस पर स्पीकर ने पायलट सहित सभी 19 विधायकों को नोटिस जारी कर शुक्रवार दोपहर एक बजे तक जवाब मांगा है।
इन विधायकों को दिया गया नोटिस
विधानसभा अध्यक्ष ने सचिन पायलट,हेमाराम चौधरी, भंवरलाल शर्मा,दीपेंद्र सिंह शेखावत,विश्वेंद्र सिंह,रमेश मीणा, गजेंद्र सिंह शक्तावत,इंद्रराज गुर्जर,गजराज खटाणा,राकेश पारीक,पीआर मीणा,मुरारी लाल मीणा,सुरेश मोदी,वेद्रप्रकाश सोलंकी,मुकेश भाकर,रामनिवास गावडि़या,हरीश मीणा,बृजेंद्र ओला व अमर सिंह को नोटिस दिया है
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