पिथौरागढ़ में आपदा: काल बनकर बरसी बारिश,गोरी गंगा से सटे इलाको में बाढ़ का खतरा
देहरादून / लगातार हो रही बारिश का कहर उत्तराखंड के सीमांत जनपदों में जारी है मुनस्यारी के बंगापानी तहसील में फिर तबाही मचाई मोरी गांव मे मलवा आने से पूरा गांव दब गया हालांकि गांव को पहले ही खाली करा दिया गया था जिससे किसी भी प्रकार की जानमाल की हानि होने से बच गयी,मगर दुगड़ीगाड का पुल बहने से बरम घाटी का संपर्क बाकी प्रदेश से कट गया है, कल रात की भारी बारिश के बाद बरम को मुनस्यारी धारचूला से जोड़ने वाला पल ढह गया। इस पुल को कुछ महीनों पहले ही ग्रिफ ने तैयार किया था,पुल के टूटने से भारी मलबा गोरी गंगा में समा गया है।
जिससे नदी में बांध बन गया है और कई गाँव में बाढ़ का पानी घुसने की संभावना बन गयी हैबरम कस्बे के पास बहने वाली नदी पर बना पुल सोमवार रात बहने से पूरे इलाके का सड़क संपर्क कट गया है। इस सड़क की देखरेख सीमा सड़क संगठन करता है। प्रशासन ने सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों से आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने को कहा है। बता दें कि जौलजीबी से आगे मुनस्यारी के बीच में बलमरा, घट्टाबगड़, बरम, लुम्ती, मोरी, बांसबगड़, छोरीबगड़, बंगापानी, सेराघाट, मदकोट, सेबिला, दरांती, दरकोट, जैंती स्टेशन पड़ते हैं। इन स्टेशनों से दर्जनों गांवों के लोग वाहन पकड़ा करते हैं। अब पुल बहने से सभी गांवों में राशन, सब्जी का संकट पैदा होने लगेगा।
बीमार लोगों को अस्पताल लाने में भी दिक्कत खड़ी हो जाएगी। मुनस्यारी के लोग तो पिथौरागढ़ जाने के लिए नाचनी, थल वाले रास्ते का उपयोग कर लेंगे, लेकिन जौलजीबी-मुनस्यारी के बीच में पड़ने वाले कस्बों और गांवों के लोगों के सामने नया पुल बनने तक भारी मुसीबत खड़ी हो जाएगी। फिलहाल नया पुल बनाने का काम जल्दी शुरू हो पाना संभव नहीं है। और अगर जल्द से जल्द अगर नया पुल नहीं बना तो वाहनो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा भारी बारिश के चलते पुल टूटने से कई गांव के संपर्क मार्ग बाधित हो चुके हैं यहां तक की यहां के स्थानीय लोगों को आवागमन हेतु भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है यदि जल्द ही प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था की गई तो ऐसे में यहां रहने वाले स्थानीय ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है
Source :Agency news
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