“यात्रा का विरोध करनेवाले पुरोहित नहीं कांग्रेसी। 20 साल से नाम व शक्ल से जानता हूं


उत्तराखंड में बाहरी राज्यों के श्रद्धालु के लिए चार धाम यात्रा खोले जाने को लेकर तीर्थ पुरोहित और कुछ अन्य लोग कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते विरोध कर रहे हैं किंतु मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार धाम यात्रा शुरू किए जाने का विरोध करने वालों को तीर्थ पुरोहित नहीं बल्कि कांग्रेसी ठहराया है।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि “जो लोग चार धाम यात्रा का विरोध कर रहे हैं, वे तीर्थयात्री नहीं बल्कि कांग्रेस के लोग हैं।” तथा वह उन्हें “20 साल से सिर्फ नाम से ही नहीं बल्कि शक्ल से भी” जानते हैं। राज्य में बढ़ते कोरोना के चलते इस तरह की यात्राओं का विरोध करने वाले लोग खुद को कांग्रेसी ठहराए जाने से हतप्रभ रह गए हैं।


उत्तराखंड में बाहरी राज्यों के श्रद्धालु के लिए चार धाम यात्रा खोले जाने को लेकर तीर्थ पुरोहित और कुछ अन्य लोग कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते विरोध कर रहे हैं


मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि “जो लोग चार धाम यात्रा का विरोध कर रहे हैं, वे तीर्थयात्री नहीं बल्कि कांग्रेस के लोग हैं।” तथा वह उन्हें “20 साल से सिर्फ नाम से ही नहीं बल्कि शक्ल से भी” जानते हैं। राज्य में बढ़ते कोरोना के चलते इस तरह की यात्राओं का विरोध करने वाले लोग खुद को कांग्रेसी ठहराए जाने से हतप्रभ रह गए हैं।


भले ही उत्तराखंड सरकार ने राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण से बचने के लिए चार मैदानी जिलों में शनिवार इतवार का लॉकडाउन लगाने के साथ सीमाएं सील करने का भी आदेश जारी कर रखा है। और सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान की भी पाबंदी लगाई थी। किंतु मुख्यमंत्री ने दूसरे राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए चार धाम यात्रा खोल दी है। हालांकि चार धाम यात्रा की अनुमति दिए जाने में कुछ नियम कायदे बनाए गए हैं।


चार धाम यात्रा के लिए नियम


उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट पर पंजीकरण करने वालों को ही चार धाम यात्रा की अनुमति दी जाएगी। कोरोना संक्रमण से निजात पा चुके लोगों को प्रमाण पत्र वेबसाइट पर अपलोड कराने पर अनुमति दी जाएगी। चार धाम यात्रा के लिए लोगों को 72 घंटे पहले का कोरोनावायरस नेगेटिव प्रमाण पत्र साथ में रखना होगा तथा वेबसाइट पर भी अपलोड करना होगा। जिन लोगों ने अपनी कोरोनावायरस जांच नहीं कराई है ,यदि वे लोग चार धाम यात्रा पर आना चाहते हैं तो उन्हें उत्तराखंड के होटल में 7 दिन की बुकिंग कराने के साथ ही क्वारंटाइन अवधि में रहना पड़ेगा, उसके बाद ही वह यात्रा पर निकल सकते हैं।


बरसात मे धीमी होती है यात्रा


हालांकि बरसात में चार धाम यात्रा लगभग रुक सी जाती है। बच्चों के स्कूल खुलने के चलते श्रद्धालु जून लास्ट तक अपने अपने घरों को लौट जाते हैं। मानसून में यात्रा मार्गों पर लैंडस्लाइड के चलते दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है इसलिए बरसात के मौसम में लोग चार धाम यात्रा का रुख करने से हिचकते हैं। बरसात के बाद सितंबर प्रथम सप्ताह के बाद ही चार धाम यात्रा अपने सामान्य रूप में शुरू होने लगती है।


बहरहाल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की इस बयान से भले ही चर्चाओं का बाजार गर्म हो लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि उन्होंने इसलिए चार धाम यात्रा शुरू की है क्योंकि कई लोगों ने विभिन्न प्रकार की मन्नतें मांगी होती है और वे भी उत्तराखंड में स्वास्थ्य लाभ करना चाहते हैं, इसलिए उनकी इच्छा को रखते हुए यात्रा खोली गई है।


Source :Agency news 


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