BIG EXCLUSIVE NEWS…घोटालों में सुमार सिडकुल का ये बड़ा घोटाला.
देहरादून/उत्तराखण्डः राजधानी से 23 अगस्त रविवार को मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश के बहुचर्चित सिडकुल घोटाले की फाइलें और दस्तावेज गायब हो गए हैं। जिसमें इस घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने यह खुलासा किया है। वही सूत्रों के अनुसार उत्तराखण्ड पुलिस के आईजी गढ़वाल, अभिनव कुमार ने इस सिडकुल घोटले में एसआईटी को मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। वही जिसमें इस दौरान आईजी द्वारा जानकारी में समीक्षा के दौरान पाया गया कि वर्ष 2012 से 2017 के बीच सिडकुल द्वारा उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में निर्माण कार्य कराए गए थे। वही जिसमें मानकों के विपरीत यूपी राजकीय निर्माण निगम को ठेके दिए गए थे। गौरतलब है कि पीछले कई साल 2017 से लंबित चल रही सिडकुल घोटाले की 300 से अधिक मामलों की जांच में अब तेजी आने लगी है। इसमें अभी तक 25 फाइलों की जांच पूरी हो गई है। वही इस दौरान सभी मामलों में अलग-अलग अनियमितता सामने आयी है। और इसी के साथ जिनकी रिपोर्ट एसआईटी शासन को भेजने जा रही है।
वही सूत्रों बताते है कि इसके साथ ही इन मामलों से जुड़े अधिकारियों को भी अपना पक्ष रखने के लिए एसआईटी एक मौका देकर इनसे भी पूछताछ करेगी। जिसमें सूत्रो के मुताबिक उत्तराखण्ड पुलिस के आईजी गढ़वाल ने बताया की एसआईटी जांच से जुड़े 6 जनपदों के अधिकारियों के घोटाले की फाइलें और दस्तावेज गायब होने के मामले को उस वक्त खुलासा हुआ। वही इस दौरान उत्तराखण्ड पुलिस महानिरीक्षक अभिनव कुमार सिडकुल घोटाले को लेकर एसआईटी टीम के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग वीसी कर रहे थे। इस पर उन्होंने बताया कि जांच में सिडकुल के अधिकारियों के द्वारा घोर अनियमितता की गयी है जिसकी पूरी फाइल शासन को भेजी जा रही है। और फिर जांच में कई अधिकारियों के द्वारा भुगतान गलत तरीके से किया गया। जबकि कई जनपदों में नियम विरुद्ध निर्माण कार्य भी कराए गए है।
वही जिसमे आपको बता दे कि इस बहुचर्चित सिडकुल घोटाले की इन जनपदों में हुए कार्यों की हो रही जांच जनपद कार्य यूएस नगर 129, हरिद्वार, 32, देहरादून 162, पौड़ी गढ़वाल12 जांच रिपोर्ट शासन को भेजने की बात कर रही है। वही जिसमें आपको बता दें सिडकुल में जिन भी कामों की आज एसआईटी जांच कर रही है उनमें से अधिकतर काम यूपी निर्माण निगम के द्वारा किये गए हैंण् सिडकुल का ये घोटाला करीब एक हजार करोड़ का बताया जाता हैए जहां अधिकारियों ने निर्माण कार्य कराने के नाम पर खूब बंदरबांट कर खूब बल्ले-बल्ले की गई।
वही सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी में आईजी गढ़वाल ने बताया कि शासन की अनुमति के बाद इन मामलों में मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। वही जिसमें प्रदेश में हुए घोटालों में सुमार सिडकुल घोटाला बड़ा घोटाला बताया जाता है। जिसमें साल 2012 से साल 2017 तक कई प्रकार के खेल विभाग द्वारा खेले गए थे। वहीं दुसरी ओर सूत्रों के मुताबिक इस घोटालो के लेकर अभी तक के ममलों में एसआईटी को कई खामियां देखने को मिली हैं। वही जिसमें इन 25 मामलों की जांच में एसआईटी ने 6 बिंदुओं पर काम किया है। वही जिसमें साफ किया है कि जो भी काम सिडकुल में हुए हैं वो समय बद्ध नहीं हुए हैं। वही इस दौरान सभी कार्य विलंब से शुरू किए गए और पेनल्टी जो सिडकुल को कार्यदाई संस्था पर लगाना था वो नहीं लगाया गया।
वही सूत्रो की माने तो सिडकुल के कई कार्यों में तो अभी तक हैंडओवर टेक ओवर हुआ ही नहीं है। इस दौरान इन कामों की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। वही इसी के साथ ही कई कामों में तो रखरखाव ही नहीं रखा गया। सूत्रों का यह भी कहना है कि सभी काम किसी भी संस्था को दिया गया तो एमओयू के नियमों का भी पालन नहीं किया गयां। ं और फिर साथ ही कुछ ऐसे भी काम सिडकुल में अधिकारियों द्वारा किये गए जिनके लिए वो अधिकारी एलिजिबल ही नहीं थे।
Source :Agency news
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