हाईकोर्ट ब्रेकिंग: केदारनाथ आपदा के कंकाल तलाशने को टीम गठित। पीआईएल निस्तारित
रिपोर्ट- कमल जगाती
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने केदारनाथ आपदा के शव दाह संस्कार मामले में राज्य सरकार के हाई लेवल एक्सपर्ट कमिटी बनाने के लिखित जवाब के बाद जनहित याचिका को निस्तारित कर दिया है। दिल्ली निवासी याचिकाकर्ता आचार्य अजय गौतम ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि, वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद केदार घाटी से लगभग 4,200 लोग लापता हो गए थे। इसमें से केवल 600 लोगों के कंकाल ही बरामद किये जा सके। लेकिन आपदा के बाद, आज भी 3600 लोगो केदारघाटी में दफन हैं जिनको सरकार निकालने को लेकर कोई कार्य नही कर रही है।
याचिकाकर्ता ने न्यायालय से प्रार्थना कर कहा कि, सरकार इस मामले को गभीरता से ले और केदार घाटी से शवों को निकलवाकर उनका हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार करवाए। उच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर राज्य सरकार ने कहा कि, वर्ष 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के बाद आरकोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई), वाडिया इंस्टिट्यूट और हिमालयन ग्लेशियरलॉजी की उच्च स्तरीय विशेषज्ञ जांच कमेटी गठित की गई है। जिसकी जांच रिपोर्ट दो माह में राज्य सरकार को सौंपी जाएगी।
इस कमेटी का नेतृत्व आईजी एसडीआरएफ को दिया गया है। आज न्यायालय ने सुनवाई के बाद याचिका को निस्तारित करते हुए राज्य सरकार को दिशा निर्देश दिए हैं कि, वो कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। ताकि जनता को ये मालूम हो सके कि, सरकार ने इस मामले में आखिर क्या किया? सरकार ने न्यायालय को ये भरोसा दिलाया है कि, केदारनाथ मामले में सभी कदम सही तरीके से उठाए जाएंगे। मामले की सुनवाई कार्यकारी मुख्य न्यायधीश रवि के मलिमथ और न्यायमूर्ति एसएन धनिक की खंडपीठ में हुई।
Source :Parvatjan
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