मासूम बेटे के शव लेकर बिलखते रहे गरीब माता पिता, किसी सरकारी एंबुलेंस ने नही की मदद
सुल्तानपुर / स्वास्थ्य सेवाओं की लचर व्यवस्था के साथ हद दर्जे की संवेदनहीनता देखने के मिली। सुल्तानपुर जिला अस्पताल में शनिवार को पिता अपने मासूम बेटे के शव को घर ले जाने के लिए सरकारी एंबुलेंस की मांग करता रहा, लेकिन कोई ले जाने को तैयार नहीं हुआ। इस बीच जिला अस्पताल में खड़ी एक एंबुलेंस के चालक ने रामनयन से शव घर ले जाने के लिए 18 सौ रुपये की मांग की।
आपको बता दें यह घटना जौनपुर जिले के सरपतहा थाना क्षेत्र की जहां पर उसरौली गांव के निवासी रामनयन अपनी पत्नी सुमित्रा के साथ सर्पदंश के शिकार तीन वर्षीय जिगर के टुकड़े दिव्यांश को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। जिला अस्पताल में दिव्यांश की मौत हो गई।
गरीब पिता इतनी मोटी रकम देने में असमर्थ थे। जिसकी वजह से वह दोनों बेटे के शव को लेकर रोडवेज बस अड्डा पहुचे जहां पर पति-पत्नी बच्चे के शव को लिए बिलख रहे थे। इस बीच रोडवेज चौकी इंचार्ज नियाजी वहां पहुंच गए। चौकी इंचार्ज ने रामनयन से बात की तो वह फफक पड़ा और पूरी बात बताई। चौकी इंचार्ज ने एक रोडवेज बस पर दंपती को उसके बेटे के शव के साथ बैठाकर घर के लिए रवाना किया।
इस घटना की जानकारी मिलते ही सीएमएस डॉ. प्रभाकर राय ने कहा कि एंबुलेंस की दिक्कत की जानकारी उन्हें नहीं है। अगर किसी एंबुलेंस चालक ने पीड़ित से पैसे मांगे हैं तो जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।
Source :Agency news
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