ऑनलाइन प्रवेश व कक्षाओ को चलाने के लिए उठाई आवाज
गोण्डा / आनन्द पाठक ने सोशल मिडिया के माध्यम से कुलपति महोदय से पूछा कि यदि प्रायमरी से इंटर तक की कक्षाओ में प्रवेश ऑनलाइन हो सकता है , कक्षाओं को ऑनलाइन चलाया जा रहा है तो स्नातक स्तर पर ऑनलाइन प्रवेश और क्लास चलाने के लिए व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है ? जुलाई चली गई अगस्त भी जाने वाला है यदि कुलपति महोदय आप चाहें तो सरकारी और एडेड महाविद्यालयो में सोशल डिस्टेन्स का पालन करते हुए ऑनलाइन व्यवस्था के तहत इंटर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का प्रवेश स्नातक स्तर पर कर सकते है ।समय व सत्र न बर्बाद हो इसलिए इंटर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का प्रवेश प्रकिया समय से शुरू हो।
जिससे शिक्षण सत्र प्रभावित न हो सके तथा जब कोर्ट का आदेश आ गया है कि स्नातक में प्रथम व दूसरे वर्ष के अभ्यर्थियों को प्रमोट किया जाए तो आप भी कोर्ट को आधार मानकर उनका भी प्रवेश अगली कक्षाओ में कराने का आदेश संबंधित महाविद्यालयओ को दीजिए जिससे उनका भी प्रवेश समय से हो सके। वही परीक्षार्थियों के मन में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब प्रदेश की सबसे बड़ी बीएड प्रवेश परीक्षा आज सोशल डिस्टेन्स का पालन करते हुए हो सकता है तो महाविद्यालय की मुख्य परीक्षा कराने में देरी क्यो ?वही स्नातक तृतीय वर्ष के परीक्षार्थियों ने यह भी चिंता जताई है कि हम लोग बिना स्नातक मार्कशीट के बीएड में दाखिला कैसे मिलेगा ?
स्नातक के साथ - साथ B.Ed. , M.Ed., परास्नातक. आदि फ़ाइनल वर्ष की परीक्षाओं को ना कराने से लोग कई प्रतियोगी परीक्षाओ में पार्टिसिपेट नही कर पा रहे हैं । आनंद पाठक जी का कहना है कि कॉलेज प्रशासन की मंशा साफ नहीं होने के कारण एक साल की पढाई भी बर्बाद हो सकती है , सोचकर छात्रों को मानसिक तनाव उत्पन्न होने का खतरा बढ़ सकता है। उच्च शिक्षा अधिकारी विचार करके उचित कदम उठाए जिससे उच्च शिक्षा पर कॅरोना का असर न पड़े ।और अभ्यर्थियों का भविष्य चौपट होने से बच सके।हो सके तो देश के सभी छात्र नेता अपना समय निकाल कर इस पर चर्चा करे जिससे उच्च शिक्षा में शिक्षण सत्र शून्य होने से बचाया जा सके और छात्रों का साल बर्बाद होने से बचाया जा सके ।
Source : Agency news
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