पांच महीनों के बाद खुलेगा वैष्णो देवी का दरबार, शर्तों के साथ मिलेगी एंट्री


आने वाले कुछ दिनों के दौरान वैष्णों देवी भवन समेत प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों को खोल दिया जाएगा। हालांकि दर्शन के लिए एसओपी का पालन करना पड़ेगा। यात्रा पर आने वाले भक्तों की गिनती को निर्धारित किया जाएगा। एक दिन में यात्रियों की गिनती सीमित होगी।


16 अगस्त से खुलेगा माता वैष्णो देवी का दरबार, अन्य धर्मस्थल भी खोले जाएंगे


एसओपी तैयार कर रहा है श्राइन बोर्ड, एक दिन में सीमित भक्तों को मिलेगी एंट्री


रघुनाथ मंदिर, बाबे मंदिर, शिव खोड़ी मंदिरों को खोलने की घोषणा कर दी गई है


इस साल भक्तों का आंकड़ा बढ़ता, लेकिन लॉकडाउन के कारण ऐसा नहीं हो पाया


देशभर के माता के भक्तों के लिए खुशखबरी है। माता वैष्णों देवी की यात्रा जो पिछले पांच महीनों से बंद थी, वह 16 अगस्त को फिर से खुल जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के बाकी धार्मिक स्थलों को भी खोल दिया जाएगा। जिसमें रघुनाथ मंदिर, बाबे मंदिर, शिव खोड़ी समेत बाकी देवी देवताओं के मंदिरों को खोलने की घोषणा कर दी गई है।


इसकी जानकारी सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल की तरफ से की गई है। उन्होंने कहा कि सभी देवस्थानों को खोल दिया जाएगा। लेकिन एसओपी का पालन करना पड़ेगा। बता दें कि 17 मार्च को अंतिम बार भक्तों को माता के भवन के लिए भेजा गया था। उस दिन करीब 14 हजार 816 भक्तों को रवाना किया गया था। उसके बाद लॉकडाउन के कारण यात्रा को बंद कर दिया गया।


अधिकारियों का कहना है कि यात्रा को खोलने की घोषणा की गई है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि यात्रा में फिलहाल प्रदेश के लोगों को जाने की अनुमति होगी। क्योंकि अभी बाहर से यात्रियों को आने नहीं दिया जा रहा है। जो बाहर से आने वाला होगा, उसका टेस्ट हुआ होगा तभी वह यात्रा पर आ सकेगा। इसके लिए श्राइन बोर्ड की तरफ से पूरी तैयारी की जा रही है कि यात्रा को फिलहाल किस प्रकार से चलाया जाना है। इसके लिए भक्तों की प्रतिदिन की गिनती पर भी फैसला किया जा रहा है कि कितने भक्तों को प्रतिदिन जाने की इजाजत दी जाए। बोर्ड अगले दो तीन दिनों में अपनी रूप रेखा तैयार करने के बाद इसकी रिपोर्ट सौंप देगा। फिर आगे उसी हिसाब से यात्रा को चलाया जाएगा।


इस साल के पहने दो महीनों में भक्तों की गिनती को देखकर लग रहा था कि इस साल यात्रा पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ देती। लेकिन बीच में लॉकडाउन के कारण माना जा रहा है कि भक्तों की गिनती कई सालों से कम आ जाएगी। आंकड़ों के अनुसार इस साल जनवरी में पांच लाख 12 हजार के करीब भक्त माता के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए आए। फरवरी माह में तीन लाख 96 हजार भक्त आए। अगर वर्ष 2019 की बात की जाए तो जनवरी में पांच लाख के करीब और फरवरी में दो लाख 69 हजार भक्त आए थे। जिससे साफ लग रहा था कि भक्तों का आंकड़ा बढ़ता, लेकिन लॉकडाउन के कारण ऐसा नहीं हो पाया।


2011 में आंकड़ा पहुंचा एक करोड़


माता वैष्णो देवी के भक्तों का आंकड़ा वर्ष 2012 के बाद एक करोड़ को नहीं छू पाया है। पहली बार वर्ष 2011 में भक्तों ने एक करोड़ के आंकड़े को पार किया था। उस समय एक करोड़ एक लाख 15 हजार भक्त आए थे। अगले साल वर्ष 2012 एक करोड़ चार लाख 95 हजार भक्त आए थे। उसके बाद भक्तों का आंकड़ा एक करोड़ नहीं पहुंचा है। वर्ष 2019 में 79 लाख 40 हजार भक्त आए थे।


Source :Agency news 


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