उत्तराखंड रोडवेज की बसे अन्य राज्यो के लिए चलने को तैयार, जल्द दोड़ेंगी सड़कों पर



उत्तराखण्ड रोडवेज  जल्द ही दूसरे राज्यों के लिए बस सेवाएं शुरू कर सकती हैं। केंद्र सरकार की ओर से सभी राज्यों को भेजी गई न‌ई एडवाइजरी में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की आवाजाही पर रोक नहीं लगाने संबंधी फैसले के बाद उत्तराखंड परिवहन निगम के अधिकारियों को दूसरे राज्यों में बसों के पुनः संचालन जल्द शूरू होने  को लेकर आशा की किरण दिखाई दे रही है। केन्द्र सरकार के इस फैसले से परिवहन निगम के अधिकारी/कर्मचारी इतने खुश हैं कि उन्होंने बसों के संचालन की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। ताकि शासन द्वारा स्वीकृति मिलने पर बिना विलम्ब दूसरे राज्यों में उत्तराखंड रोडवेज की बसों का संचालन किया जा सके। हालांकि परिवहन निगम के अधिकारियों ने बसों के संचालन को लेकर अंतिम गेंद अभी भी सरकार और शासन के पाले में डाल दी है, जिस पर राज्य सरकार को ही कोई फैसला लेना होगा। निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि अंतरराज्यीय बसों के संचालन को लेकर निगम स्तर पर सभी तैयारियां पूरी हैं। राज्य सरकार द्वारा बसों के संचालन को लेकर जो भी अंतिम निर्णय लिया जाएगा, परिवहन निगम उसके अनुसार ही


बता दें कि उत्तराखंड परिवहन निगम की बसें उत्तराखण्ड के साथ-साथ नई दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में भी संचालित की जाती है परन्तु कोरोना के कारण घोषित हुए देशव्यापी लाकडाउन से सभी राज्यों की रोडवेज बसों का संचालन 22 मार्च से बंद कर दिया गया था। हालांकि लाकडाउन के दौरान प्रवासियों को लाने-ले जाने के लिए रोडवेज की बसें दूसरे राज्यों के लिए संचालित की ‌ग‌ई थी, परंतु रोडवेज प्रबंधन का यह प्राविधान अस्थाई था। दूसरे राज्यों में बसों का संचालन न होने से परिवहन निगम को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। बता दें कि पहले राज्य के अंदर भी बसों का संचालन बंद था जिसे जून माह में किराए दर में बढ़ोतरी के साथ ही क‌ई अन्य कड़े नियमों के साथ शुरू कर दिया गया। रोडवेज द्वारा वर्तमान में लगभग 300 बसों का संचालन राज्य के विभिन्न इलाकों के लिए किया जा रहा है जबकि 1200 से अधिक बसें अभी भी डिपो में खड़ी हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को लिखे गए पत्र से निगम अधिकारियों में जल्द अंतरराज्यीय बसों का संचालन शुरू होने की उम्मीद जगी है।


Source>Agency news



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